नगर निगम चुनाव में बुनकर बाहुल्य इलाके में प्रत्याशियों से अजब-गजब सवाल किये जा रहे हैं। करघों पर जमी धूल को हटाने के उपाय प्रत्याशियों को समझ में नहीं आ रहा। शाम होते ही गुलजार चट्टी-चौराहों पर बुनकरों का जमावड़ा लगता है। वोट मांगने आ रहे प्रत्याशियों के सामने ऐसे सवाल उछाले जा रहे हैं जिनके आगे प्रत्याशी निरुत्तर हो जा रहे हैं।
दुकानों व मकानों के बाहर बने चबूतरों पर रोजाना की बैठकी के दौरान हर जुबां पर केवल चुनावी चर्चा ही नहीं है बल्कि रोजी-रोटी की भी चिंता दिख रही है। गंदगी के बीच रहने को विवश व दूषित पानी को पीने को लाचार लोगों के यहां वोट मांगने पहुंच रहे प्रत्याशियों से सवाल उठना भी लाजिमी है। सोमवार को आदमपुरा इलाके में पान की दुकान पर पहुंचे एक प्रत्याशी एवं उसके समर्थकों ने वहां खड़े लोगों से वोट मांगा। हाथ जोडकर बोले.. यह फलां प्रत्याशी हैं.. आपही लोगन क भरोसा हव.. ए बेरी देख लिहा। आसपास बैठे लोग भी जुट गए। इसी बीच आवाज आई- सब ठीक है म्यां। और सब छोड़ो, करघवा चलवाय दो। सब वोट मिल जइहैं।
बगल में खड़े मुनव्वर बोले, चलो कुछ जीएसटी कम करवाय दो। अच्छा ई बताओ, का-का इलाके में करइबो? तुम्हरे पास कोई प्लान-वान है? जब तक प्रत्याशी महोदय कुछ कहते, सभी के सुर एक हो गए। प्रत्याशी निरुत्तर। इलाके में सीवर, पानी व गंदगी का ठीकरा सरकार पर फोड़ने व वादों की पोटली थमा आगे बढ़ लिए।
बड़ी बाजार के आसपास रहीमपुरा, उस्मानपुरा, नवापुरा, दोषीपुरा, काजीसादुल्लापुरा से लेकर कमलगढ़हा तक बुनकर बाहुल्य इलाका है। यहां पर सबसे बड़ी समस्या सीवरेज, सफाई एवं दूषित पेयजल की है। लोगों का कहना है कि सीवरेज समस्या से पूरा इलाका जूझता रहता है। पार्षद एकाध बार आ गए। सीवर सफाई भी हो गई मगर गंदगी व दूषित पानी से निजात नहीं मिल पाया।