वाह री UP पुलिस ! कोर्ट में दूसरे बंदी को पेश कर दिया, चकमा देकर हुआ फरार

Update: 2017-09-02 11:57 GMT
बनारस की जिला जेल से लड़की भगाने के आरोपी उदय प्रताप के स्थान पर इसी आरोप में बंद कानपुर के आरोपी करन गुप्ता को साजिश रचकर शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। करन पेशी से निकलने के बाद पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया, तब साजिश का मामला खुला।
एसपी ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में सिपाही चंद्रभान को निलंबित कर दिया है। इस मामले में तीन नामजद और सात अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। फरार कैदी को पकड़ने के लिए पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है।
अलीनगर थाना क्षेत्र के संघती गांव निवासी उदय प्रताप उर्फ खुड़बुड़ को शुक्रवार को जिला कारागार वाराणसी से सीजीएम कोर्ट में पेशी के लिए लाया जाना था। दोपहर करीब एक बजे सिपाही चंद्रभान ने उसके स्थान पर बनारस जेल में बंद करन गुप्ता को सीजेएम कोर्ट में पेश करा दिया।
बंदियों की हेराफेरी का मामला पता न चलता, लेकिन पेशी के बाद बंदी वाहन की तरफ ले जाते वक्त करन न्यायालय परिसर के बाहर बने बैरियर के पास सिपाही को धक्का देकर भाग निकला। सिपाही चंद्रभान कुछ दूर तक दौड़ा लेकिन उसे पकड़ नहीं पाया।
इसकी जानकारी सिपाही ने ड्यूटी प्रभारी तारकेश्वर यादव को दी। फिर एसपी ने वायरलेस सेट से आसपास के थाना प्रभारियों को कैदी की खोजबीन में लगा दिया। लेकिन शाम तक उसका कोई सुराग नहीं मिला।
बनारस जिला जेल में बंद कैली निवासी उदय प्रताप पर अलीनगर थाने में लड़की भगाने के आरोप में मुकदमा दर्ज है। जबकि कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र के गुजैनी निवासी करन गुप्ता पर भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज है। करन वर्तमान में बनारस के खोजवां में किराए पर रहता था।
चंदौली एसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा कि कैदी के भागने के बाद जब जांच कराई गई, तब पता चला कि पेशी पर दूसरे कैदी को ले जाया गया था। इस मामले में साजिश का अंदेशा है। सिपाही चंद्रभान को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच सीओ सदर को सौंपी गई है।
वाराणसी जेल में भी शुरू हुई जांच
 वाराणसी जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक डॉ. बीडी पांडेय ने कहा कि निश्चित तौर पर लापरवाही हुई है। उदय की जगह करन पेशी पर कैसे गया, इसकी जांच शुरू कर दी गई है। डिप्टी जेलर और बंदीरक्षकों से जवाब तलब किया गया है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ निलंबन के साथ ही विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 
बताते हैं दरअसल, उदय प्रताप और करन दोनों जेल की बैरक नंबर 6 में निरुद्ध थे। दोनों के खिलाफ युवती के अपहरण का मामला दर्ज है। शुक्रवार को जब बंदियों को पेशी पर जाने के लिए बंदीरक्षकों ने आवाज दी तो उदय की जगह करन आया। करन ने उदय के पिता का नाम और पता बताया और पेशी वाहन में बैठकर चंदौली पहुंच गया।
ड्यूटी प्रभारी की होगी जांच
 पुलिस अभिरक्षा से कैदी के फरार होने के बाद एसपी ने प्रभारी तारकेश्वर यादव के खिलाफ भी जांच बैठा दी गई है। पुलिस सूत्रों की मानें तो एक मुलजिम को कोर्ट में पेश कराने के लिए दो पुलिस कर्मियों को लगाया जाता है।
लेकिन इस मामले में एक सिपाही की डयूटी लगाने से प्रभारी की भी भूमिका संदेह के घेरे में है। विभागीय कार्रवाई के दौरान कैदियों को ले आने और ले जाने के लिए एक दरोगा और पांच से सात सिपाहियों की ड्यूटी लगाई जाती है।      

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