मछुआरों की हत्या के आरोपी इटली के मरीन को SC से सर्शत बेल, केंद्र ने नहीं किया विरोध
नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इटली के मरीन सल्वातोर गिरोन को बेल दे दी। कोर्ट ने यह परमिशन कुछ शर्तों के साथ दी है। अब वह इटली भी जा सकेगा। बता दें कि इटली के 2 मरीन्स ने फरवरी 2012 में केरल के पास समुद्र में दो भारतीय मछुआरों को गोली मार दी थी। मामले का दूसरा आरोपी मसीमिलियानो लातोर इस समय इलाज के लिए इटली में है। क्या कहा कोर्ट ने..
- इटैलियन मरीन्स के वकील ने बताया - 'सुप्रीम कोर्ट ने यह बेल सर्शत दी है।'
- ' जैसे ही वह (गिरोन) इटली पहुंचेगा, उसे पासपोर्ट सरेंडर करना होगा और हर महीने वहां के पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करनी होगी।'
- 'यह रिपोर्ट हर महीने इंडियन एंबेसी को दी जाएगी।'
- बता दें कि गिरोन 4 साल से दिल्ली में ज्युडिशयल कस्टडी में है।
- गुरुवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से गिरोन की बेल का विरोध नहीं किया गया।
क्या है ये मामला ?
- इटैलियन मरीन्स मसीमिलियानो लातोर और सल्वातोर गिरोन पर फरवरी 2012 में केरल के पास समुद्र में दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप है।
- हालांकि, नौसैनिकों की दलील है कि उन्होंने मछुआरों को गलती से समुद्री डाकू समझकर गोली चलाई थी।
- घटना के बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया था। इस घटना पर भारत और इटली के बीच काफी तनाव भी हुआ था।
- बाद में, 2014 में मसीमिलियानो लातोर को स्ट्रोक के बाद इलाज के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इटली जाने दिया था। लेकिन गिरोन को जाने की अनुमति नहीं मिली।
- सुप्रीम कोर्ट ने हाल में लातोर की बेल को सितंबर तक बढ़ा दी थी।
पिछले साल यूएन कोर्ट में गए थे दोनों देश
- भारत और इटली के बीच काफी तनाव बढ़ने के बाद इटली इस मामले की सुनवाई के लिए इंटरनेशनल कोर्ट गया था। इटली ने समुद्र कानून से संबंधित इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल में भारत के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी थी।
- उसका कहना है कि घटना भारतीय समुद्री इलाके में नहीं हुई है। इसलिए भारत को इस मामले में मुकदमा चलाने का हक नहीं है।
- पिछले महीने हेग के परमानेंट कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने ऑर्डर दिया था कि भारत को गिरोन को रिलीज कर देना चाहिए।
- लेकिन इंटरनेशनल कोर्ट ने यह भी कहा था कि मरीन को सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का पालन करना होगा।