मोदी सरकार के दो साल: सीबीआई जांच में फंसे चार कांग्रेसी मुख्यमंत्री

Update: 2016-05-25 02:14 GMT
दो साल पहले नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद कांग्रेस के दो वर्तमान और दो पूर्व मुख्यमंत्री सीबीआई के घेरे में आ फंसे हैं। उत्तराखंड ने मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ विधायकों के कथित खरीद फरोख्स के स्टींग की जांच चल रही है। जून 2015 को सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की पुरानी फाईल खोलकर उसकी जांच शुरु की थी।

वीरभद्र सिंह के बाद पिछले साल अगस्त में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ वसुंधरा राजे सरकार की अनुशंसा पर सीबीआई ने एंबुलेंस स्कैम के मामले में नामजद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु कर दी। इस मामले में राज्य कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट, पी चिदंबरम के बेटे कार्तीक चिदंबरम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता वी रवि के बेटे रवि कृष्ण भी गहलोत के साथ आरोपी हैं।

एजेंसी ने पिछले हफ्ते हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्दर  सिंह हुड्डा के खिलाफ हरियाणा शहरी विकास प्रधिकरण (हुडा) के जमीन घोटाला मामले में ताजा एफआईआर दर्ज की है। गौरतलब है कि हरीश रावत के खिलाफ अभी सिर्फ प्रिलिमनरी एनक्वायरी (पीई) दर्ज हुर्इ है जिसके आधार पर जांच की जा रही है। अगर इस जांच में पुख्ता आधार मिला तब सीबीआई रेगुलर केस यानि एफआईआर दर्ज करेगी। पीई के आधार पर एक मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए दिल्ली तलब  करने को लेकर एजेंसी के भीतर  ही सवाल उठने लगे हैं। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक पीई के मामले में रावत से देहरादून में भी पूछताछ की जा सकती थी।

Similar News