टीवी सीरियलों से लेकर फिल्मों तक अपने किरदार को बखूबी जीती प्राची पाठक – प्रोफेसर (डॉ.) योगेन्द्र यादव
लॉक डाउन के कारण एक बार पुन: पुराने सामाजिक और धार्मिक धारावाहिकों का टीवी प्रसारण किया जा रहा है । जिससे जहां एक ओर बच्चों में संस्कार निर्माण हो रहा है, वहीं दूसरी ओर वे अपने धार्मिक, सांस्कृतिक प्रसंगों से शिक्षित हो रहे हैं। इन सीरियलों के कुछ किरदार ऐसे हैं, जो अपनी अभिनय क्षमता के बल पर दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना रहे हैं । उनमें से एक हैं – प्राची पाठक । प्रयागराज के बाद नवाबों की नगरी लखनऊ में पढ़ी-बढ़ी और परिपक्व हुई प्राची पाठक इन दिनों टीवी पर आ रहे जय श्रीकृष्णा सीरियल में अपने अभिनय के कारण चर्चा में बनी हुई हैं।
प्राची पाठक का जन्म प्रयागराज में हुआ। यहीं पर उनकी प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा सम्पन्न हुई। हालांकि उनके माता-पिता की इच्छा नहीं थी कि उनकी पुत्री अभिनय के क्षेत्र में जाए । इसके बावजूद उन्होने अपनी प्यारी बिटिया प्राची की रुचि और मेधा को देखते हुए उसके मार्ग में बाधक नहीं बने। शुरू में उन्होने जरूर उन्हें समझाने की कोशिश की। उसका कारण यह था कि उनकी माता श्रीमति इन्दिरा पाठक और उनके पिता श्याम कुमार पाठक एक सामाजिक व्यक्ति रहे, जिनकी समाज में विशेष प्रतिष्ठा थी। इस कारण वे नहीं चाहते थे कि उनकी यह पुत्री अभिनय के क्षेत्र में जाए। लेकिन सुशिक्षित और संवेदनशील माता-पिता होने के कारण वे अपनी पुत्री के मार्ग में अवरोध नहीं बने । प्राची पाठक की बड़ी बहन डॉ. मृदुला पाठक । उन्होने अपनी छोटी बहन की शुरू से बहुत मदद की । प्राची पाठक अपनी हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बातें अपनी बड़ी बहन से ही शेयर करती थी। बड़ी बहन के रूप में डॉ. मृदुला पाठक जहां एक ओर अपनी बहन की सबसे अच्छी मित्र थी। वहीं बड़ी बहन के रूप में वह प्राची के मार्ग में आने वाली हर दुश्वारीयों को भी हल करती रही । अपनी छोटी बहन के हर सही बातों और निर्णयों का उन्होने समर्थन किया। शुरू से लेकर अभी तक जहां भी उन्हें लगता है कि वे प्राची पाठक की मदद कर सकती हैं, करती हैं। अपनी छोटी बहन की सबसे बड़ी आलोचक भी वही हैं। वे चाहती हैं कि उनकी बहन प्राची हर सीरियल या फिल्म में अपना सर्वश्रेष्ठ अभिनय करे।
इन दिनों अपने अभिनय से सबके दिलों में सहज उतर जाने वाली प्राची पाठक ने बाकायदा अभिनय की शिक्षा ग्रहण की । भारतेन्दु अकादमी लखनऊ से उन्होने कला के क्षेत्र में प्रतिष्ठित कोर्स किया । इसके बाद अपने अभिनय को तराशने के लिए नई दिल्ली गई, और वहाँ नियमित छात्रा के रूप में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में अध्ययन और अभिनय सिखा । एनएसडी में शिक्षा के दौरान उन्हें जिस भी पात्र का अभिनय करने को मिला, उसमें ऐसे रम जाती, कि दर्शक को यह पता ही नहीं चलता कि यह अभिनय कर रही हैं।
संस्कारित परिवार में पली-बढ़ी प्राची पाठक समाज और राष्ट्र में जब कुछ अप्रिय घटता तो अंतरवेदना से छटपटा उठती । लेकिन अभिनय के क्षेत्र में आने के बाद इसी कारण उन्होने अभी तक जितने भी पात्रों का अभिनय किया, वे सभी निगेटिव पात्र रोल रहे । अपने निगेटिव रोल के माध्यम से वे समाज को परिष्कृत और राष्ट्र सेवा करती हैं। उनका कहना है कि समाज में घटित घृणित घटनाओ के कारण जो छटपटाहट मेरे अन्तर्मन में होती है, मेरे अभिनय से जब वही छटपटाहट दर्शकों के मन में होने लगेगी, तो उसके खिलाफ एक जन भावना बनने लगेगी और ऐसी घटनाओं के खिलाफ लोग न सिर्फ खड़े होंगे, अपितु उनके बच्चे भी ऐसे घृणित कार्य न करें, उसके लिए सजग रहेंगे।
प्राची पाठक इस समय जो जय श्रीकृष्णा सीरियल आ रहा है । उसमें वे उसके दूसरे सबसे प्रमुख पात्र कंस की पत्नी का रोल निभा रही हैं। निश्चित रूप से कंस जैसे अहंकारी पति के साथ पत्नी की क्या वृत्ति होती है, उसे अपने अभिनय से समाहित कर दर्शकों को मोहने में सफल हो रही हैं। कंस की पत्नी होने के बावजूद वे दर्शकों की सहानुभूति पाने में सफल हो रही हैं। यही उनके अभिनय की पराकाष्ठा है। एक ओर जहां वे एक पत्नी के रूप में कंस को सच का आईना दिखाने का प्रयास करती हैं, वहीं दूसरी ओर वे अपने पति के साथ भी खड़ी दिखाई पड़ती हैं। विरोधाभास के बावजूद अपने पतियों के साथ खड़ी होने का हुनर भारतीय महिलाओं की ही थाती है । हालांकि इस सीरियल में प्राची पाठक का सीमित रोल है। लेकिन इसके बावजूद उन्होने इसे दमदार तरीके से निभाया कि वे दर्शकों के लिए यादगार बन गई । अपने इस निगेटिव रोल के लिए उन्हें खूब सराहना मिली ।
इतना ही नहीं, प्राची पाठक पिछले कई सालो से फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रही हैं। उन्होने कई फिल्मों में भी काम किया। जिसमें से सलमान खान की फिल्म रेडी में नजर आई थी। श्रेयस तलपड़े की फिल्म वाह ताज में भी उन्होने गज़ब का अभिनय किया था। लेकिन अभी तक उन्हें जितने भी सीरियल और फिल्में मिली, उन सभी में उन्होने निगेटिव रोल ही किए। ऐसा नहीं कि वे सकारात्मक रोल नहीं कर सकती हैं। लेकिन निगेटिव रोल में जिस तरह वे जान फूँक देती हैं, सहज अभिनय करती हैं। वैसा अभिनय अन्य के लिए करना असंभव नहीं तो कठिन जरूर है।
प्राची पाठक में अभिनय के प्रति बचपन का जुनून आज भी बना हुआ है । और आज फिल्म हो, या सीरियल । रोल छोटा हो, या बड़ा । उसकी चिंता न करके वे इस बात की कोशिश करती हैं कि जो भी करेक्टर उन्हें अभिनय करने के लिए मिला है, वे उसे उसी रूप में साकार कर सकें, जैसा कहानी में है। अत्यंत परिश्रमी प्राची पाठक अपने अभ्यास के बल पर ही डायरेक्टर की मांग के अनुरूप ऐसा जीवंत अभिनय कर देती हैं कि डायरेक्टर भी विस्मित और चकित रह जाता है। इतना सहज, सरल और बिना किसी रीटेक के अभिनय में शत-प्रतिशत देना प्राची पाठक की अपनी विशेषता है। इस संबंध मे प्राची पाठक का कहना है कि वे अभिनय के क्षेत्र में अपना अधिकतम समय देने का प्रयास करती हैं और आज तक सफल हुई हैं । प्राची पाठक का मानना है कि दर्शक ही उनके अभिनय की कसौटी है । जिस दिन अपने अभिनय से हर दर्शक को सम्मोहित कर देंगी, वही उनका सर्वश्रेष्ठ अभिनय होगा ।
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— Prachee Paathak (@PracheePaathak) May 15, 2020
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प्रोफेसर डॉ. योगेन्द्र यादव
पर्यावरणविद, शिक्षाविद, भाषाविद,विश्लेषक, गांधीवादी /समाजवादी चिंतक, पत्रकार, नेचरोपैथ व ऐक्टविस्ट