आज के समय में बड़े बूढ़ों के अलावा कई युवाओं को मांसपेशियों की समस्याएं हो रही हैं। आपको बता दें कि शोधकर्ताओं ने ऐसे जीन प्रमोशन की एक नई तकनीक का खुलासा किया है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी यानी डुशैन मसल डिस्ट्रोफी (डीएमडी) का इलाज किया जा सकता है। डीएमडी नाम की यह बीमारी लड़कों में ज्यादा पाई जाती है, जिसके कारण उनकी मांसपेशियों का विकास नहीं हो पाता है। ऐसे में उन्हें काफी कमज़ोरी भी रहती है।
हालांकि डीएमडी नामक इस बीमारी के पीछे की जेनेटिक खराबी का पता वैज्ञानिकों को 30 साल पहले ही लग गया था, लेकिन इस समस्या को खत्म करने का उपाय अभी तक नहीं मिल पाया था। इस बीमारी में, मांसपेशियों के फाइबर टूटकर फैट टिशू में बदल जाते हैं, जिसके कारण मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती हैं। कई बार लोगों को इसके कारण दिल की बीमारियां भी हो जाती है।
आज के समय में बड़े बूढ़ों के अलावा कई युवाओं को मांसपेशियों की समस्याएं हो रही हैं। आपको बता दें कि शोधकर्ताओं ने ऐसे जीन प्रमोशन की एक नई तकनीक का खुलासा किया है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी यानी डुशैन मसल डिस्ट्रोफी (डीएमडी) का इलाज किया जा सकता है। डीएमडी नाम की यह बीमारी लड़कों में ज्यादा पाई जाती है, जिसके कारण उनकी मांसपेशियों का विकास नहीं हो पाता है। ऐसे में उन्हें काफी कमज़ोरी भी रहती है।
हालांकि डीएमडी नामक इस बीमारी के पीछे की जेनेटिक खराबी का पता वैज्ञानिकों को 30 साल पहले ही लग गया था, लेकिन इस समस्या को खत्म करने का उपाय अभी तक नहीं मिल पाया था। इस बीमारी में, मांसपेशियों के फाइबर टूटकर फैट टिशू में बदल जाते हैं, जिसके कारण मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती हैं। कई बार लोगों को इसके कारण दिल की बीमारियां भी हो जाती है।
हालांकि डीएमडी नामक इस बीमारी के पीछे की जेनेटिक खराबी का पता वैज्ञानिकों को 30 साल पहले ही लग गया था, लेकिन इस समस्या को खत्म करने का उपाय अभी तक नहीं मिल पाया था। इस बीमारी में, मांसपेशियों के फाइबर टूटकर फैट टिशू में बदल जाते हैं, जिसके कारण मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती हैं। कई बार लोगों को इसके कारण दिल की बीमारियां भी हो जाती है।
आज के समय में बड़े बूढ़ों के अलावा कई युवाओं को मांसपेशियों की समस्याएं हो रही हैं। आपको बता दें कि शोधकर्ताओं ने ऐसे जीन प्रमोशन की एक नई तकनीक का खुलासा किया है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी यानी डुशैन मसल डिस्ट्रोफी (डीएमडी) का इलाज किया जा सकता है। डीएमडी नाम की यह बीमारी लड़कों में ज्यादा पाई जाती है, जिसके कारण उनकी मांसपेशियों का विकास नहीं हो पाता है। ऐसे में उन्हें काफी कमज़ोरी भी रहती है।
हालांकि डीएमडी नामक इस बीमारी के पीछे की जेनेटिक खराबी का पता वैज्ञानिकों को 30 साल पहले ही लग गया था, लेकिन इस समस्या को खत्म करने का उपाय अभी तक नहीं मिल पाया था। इस बीमारी में, मांसपेशियों के फाइबर टूटकर फैट टिशू में बदल जाते हैं, जिसके कारण मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती हैं। कई बार लोगों को इसके कारण दिल की बीमारियां भी हो जाती है।