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व्यंग ही व्यंग

आए दिन प्रचार के भाषा का हो रहा पतन : अभय सिंह

आए दिन प्रचार के भाषा का हो रहा पतन : अभय सिंह
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भाषा पतन हो रहा।

आए दिन प्रचार।।

शब्दों का जो चयन?

शब्द से बेड़ा पार।।

जीतना है चुनाव।

दे कर ऐसे बयान।।

भूल जाते शालीनता।

क्यों ना रखते ध्यान?

अपशब्दों की वाण।

हो रहे बौछार।।

ठीक नही प्रचलन।

मर्यादा तार तार।।

प्रतिष्ठा लगी दाव।

हद है पार कर जाना।।

है ये मुनासिब।

ये रास्ता अपनाना।।

.............अभय सिंह

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