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राणा अय्यूब पर मनी लॉन्ड्रिंग का लगाया आरोप, 1.77 करोड़ रुपए ईडी ने किए अटैच

राणा अय्यूब पर मनी लॉन्ड्रिंग का लगाया आरोप,  1.77 करोड़ रुपए ईडी ने किए अटैच
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प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वॉशिंगटन पोस्ट की कॉलमिस्ट राणा अय्यूब के 1.77 करोड़ रुपए अटैच किए. ईडी अधिकारी ने कहा कि राणा अय्यूब ने कथित तौर पर 3 अभियानों के लिए दिए गए दान का सही उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया. ईडी ने पिछले साल सितंबर महीने में उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर पिछले साल अय्यूब के खिलाफ जांच शुरू की थी. यूपी पुलिस को अपनी शिकायत में शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन ने आरोप लगाया था कि राणा अय्यूब ने केटो पर राहत उपाय अभियानों के माध्यम से अवैध रूप से सार्वजनिक धन इकट्ठा किया था.

ईडी और आयकर विभाग दोनों इस मामले में वित्तीय लेनदेन की जांच कर रहे हैं. ईडी ने दावा किया है कि राणा अय्यूब को एफसीआरए (विदेशी योगदान नियमन अधिनियम) के तहत बिना किसी मंजूरी के विदेशी चंदा मिला, जो विदेश से कोई फंडिंग प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है.

वहीं गुरुवार को ही प्रवर्तन निदेशालय ने 370 करोड़ रुपए के कथित बैंक कर्ज धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में हैदराबाद की एक कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार किया है. पीसीएच कॉर्पोरेशन लिमिटेड और पीसीएच समूह की अन्य कंपनियों के निदेशक बलविंदर सिंह को आठ फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और बुधवार को हैदराबाद में पीएमएलए की एक विशेष अदालत के सामने पेश किया गया.

ईडी ने एक बयान में बताया कि अदालत ने बलविंदर सिंह को 23 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. ईडी ने 370 करोड़ रुपए की कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले को सीबीआई की एफआईआर और आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट का अध्ययन करने के बाद दायर किया था. बयान के अनुसार सीबीआई की चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि पीसीएच एजेंसी प्राइवेट लिमिटेड, पीसीएच लाइफस्टाइल प्राइवेट लिमिटेड, बलविंदर सिंह और अन्य ने पंजाब एंड सिंध बैंक, जॉर्ज टाउन शाखा, चेन्नई को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया. फर्जी दस्तावेज के जरिए उन्होंने ज्यादा मुनाफा दिखाकर धोखाधड़ी से क्रेडिट सुविधाओं का लाभ उठाया और कर्ज की रकम से हेरफेर की.

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