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जम्मू कश्मीर में आपकी चार पीढ़ी ने जितना काम किया, उतना काम हमने डेढ़ साल में किया : अमित शाह

जम्मू कश्मीर में आपकी चार पीढ़ी ने जितना काम किया, उतना काम हमने डेढ़ साल में किया : अमित शाह
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नई दिल्ली, । संसद के बजट सत्र के पहले चरण का शनिवार को आखिरी दिन है। सरकार ने शनिवार को लोकसभा में केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में प्रशासनिक सुधार वाला जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया। अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार के काम गिनाते हुए कहा कि आपकी चार पीढ़ी ने जितना काम किया है उतना काम हमने डेढ़ साल के अंदर किया है। 17 महीने में स्वास्थ्य क्षेत्र में काम हुए। पनबिजली परियोजनाओं में 3490 मेगवात का काम हुआ। 100 फीसद लोगों को घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त हो गया है। 3,57,405 लोगों को 70 साल से बिजली नहीं मिली थी, उनको 17 महीने में बिजली देने का काम किया गया।

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- अमित शाह ने कहा कि कोरोना के कारण पूरी दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है। मनीष तिवारी आप पंजाब से आते हैं, वहां से आंकड़े देख लें। वहां आपकी सरकार (कांग्रेस) है या राजस्थान, छत्तीसगढ़ से के आंकड़े देख लें। जहां तक मंदी का सवाल है, तो जम्मू-कश्मीर इन सभी से बेहतर कर रहा है।

- अमित शाह ने यह भी कहा कि कोई भी नहीं, हमारे प्रतिद्वंद्वी भी नहीं कह सकते कि चुनाव (डीडीसी) के दौरान धोखाधड़ी या अशांति हुई। सभी ने निडर और शांति से मतदान किया। पंचायत चुनाव में 51% वोट पड़े। जिन्होंने अनुच्छेद 370 वापस लाने के आधार पार चुनाव लड़ा, वो साफ हो गए।

- गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सही समय पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि किसके दबाव में अनुच्छेद 370 को इतने समय तक जारी रखा? आप 17 महीने में हिसाब मांगते हैं, 70 साल तक जब अस्थायी अनुच्छेद 370 चली उस वक्त हिसाब क्यों नहीं मांगते थे? अस्थायी प्रावधान को खत्म नहीं किया क्योंकि वोट बैंक की राजनीति करनी थी।

- इससे पहले अमित शाह ने कांग्रेस पर अनुच्छेद 370 को लकेर निशाना साधते हुए कहा कि हमसे पूछा गया कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे उसकी दिशा में क्या किया गया? अनुच्छेद 370 हटे हुए 17 महीने हुए और आप हमसे हिसाब मांग रहे हैं, 70 साल आपने क्या किया इसका हिसाब लेकर आए हो? अगर 70 साल ढंग से चलाते तो हमसे हिसाब मांगने का समय ही नहीं आता। जिनको पीढ़ियों तक शासन करने का मौका दिया वो अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि हम हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं।

- अमित शाह ने यह भी बताया कि जम्मू कश्मीर की पंचायतों को हमने अधिकार दिया है, बजट दिया है। पंचायतों को सुदृढ़ किया है। प्रशासन के 21 विषयों को पंचायतों को दे दिया है। करीब 1500 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में डालकर जम्मू कश्मीर के गांवों के विकास का रास्ता प्रशस्त किया है। हमने जम्मू कश्मीर में 50,000 परिवारों को स्वास्थ्य बीमा के तहत कवर किया है। 10,000 युवाओं को रोजगार योजना में कवर किया है। 6,000 नए कार्य शुरु किए। मेरा शहर-मेरा गौरव के तहत शहरी विकास के कार्य किए गए हैं।

- अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री विकास पैकेज पीएम योजना की जो घोषणा हुई , उसका पुनर्निर्माण और मेगा विकास का जो पैकेज था, इसके तहत 58,627 करोड़ रुपये परिव्यय की 54 योजनाएं थी और उसे लगभग 26% और बढ़ाया गया है। आइआइटी जम्मू ने अपने परिसर में शिक्षण शुरु कर दिया है। दोनों एम्स का निर्माण कार्य शुरु हो गया है। 8.45 किमी बनिहाल सुरंग को इस साल खोलने की योजना है। 2022 तक हम कश्मीर घाटी को रेलवे से जोड़ने का काम भी करने वाले हैं।

- अमित शाह ने कहा कि 54 में से 20 परियोजनायें, जिनमें से 7 केंद्रीय और 13 संघ राज्य की थी, ये काफी हद तक पूरी हो चुकी है और बाकी 8 परियोजनाएं मार्च के अंत तक पूरी हो जाएगी । यानी 54 में से 28 परियोजनाओं को काम हमने पूरा कर दिया है। जबसे राष्ट्रपति शासन मिला तबसे लगभग हर घर को बिजली देने का काम पूरा हो गया है। उज्ज्वला योजना के तहत 12,60,685 माताओं को गैस का सिलेंडर देने का काम हमने पूरा कर दिया है।

- अमित शाह ने कहा कि मनीष तिवारी कांग्रेस के दिनों को याद करें। हजारों लोग मारे जाते थे, कर्फ्यू लगा दिया जाता था। डेटा के आधार पर स्थिति का आंकलन करें। कश्मीर में शांति एक बड़ी बात है। मैं अशांति के दिनों को याद नहीं करना चाहता। ऐसे दिन नहीं वहां फिर नहीं होंगे अब हमारी सरकार है।

- अमित शाह ने कहा कि कई सांसदों ने कहा कि जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 लाने का मतलब है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि वे इस बिल को लेकर लाए हैं। कहीं नहीं लिखा है कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। आप कहां से निष्कर्ष निकाल रहे हैं? गृह मंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने सदन में पहले भी कहा है और फिर से कह रहे हैं कि इस विधेयक को जम्मू और कश्मीर के राज्य के दर्जे के साथ कोई लेना-देना नहीं है। सही समय पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाएगा।

- अमित शाह ने इस दौरान कहा कि हमारी सरकार आने के बाद जम्मू कश्मीर में पंचायती राज की शुरुआत हुई है। मुफ्ती और अब्दुल्ला परिवार पर भी निशाना साधा और कहा कि पहले जम्मू कश्मीर में तीन लोग परिवार के लोग ही शासन कर रहे थे। इसलिए वो अनुच्छेद 370 के पक्ष में रहते थे। दिसंबर 2018 में जम्मू कश्मीर की निचली पंचायत के चुनाव हुए, जिसमें 74% लोगों ने मतदान किया। कश्मीर के इतिहास में इतना मतदान कभी नहीं हुआ था। वहां करीब 3650 सरपंच निर्वाचित हुए, 33,000 पंच निर्वाचित हुए। अब वहां राजा-रानी के पेट से नेता नहीं बनेंगे, वोट से नेता चुने जाएंगे। क्या कश्मीरी युवा को देश की ऑल इंडिया कैडर में आने का अधिकार नहीं है? अगर स्कूल न जलाए होते तो कश्मीर के बच्चे भी आज आइएएल और आइपीएस बने होते।

- अमित शाह ने इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि 2जी से 4जी विदेशियों के दबाव में किया है। उनको पता नहीं है कि ये यूपीए सरकार नहीं है, जिसे वो समर्थन करते थे। ये नरेंद्र मोदी सरकार है। इसमें देश की सरकार, देश की संसद, देश के लिए फैसले करती है। औवेसी साहब अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं। एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? अफसरों को हिन्दू मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को सेक्युलर कहते हैं।

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