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ममता बनर्जी की सरकार पर बरसे नड्डा, बोले- यहां से परिवर्तन यात्रा की शुरुआत हो गई है। ये परिवर्तन विचार का परिवर्तन है।

ममता बनर्जी की सरकार पर बरसे नड्डा, बोले- यहां से परिवर्तन यात्रा की शुरुआत हो गई है। ये परिवर्तन विचार का परिवर्तन है।
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पश्चिम बंगाल के मालदा में रोड शो के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नवद्वीप में परिवर्तन यात्रा को झंडा दिखाकर रवाना किया। इससे पहले नड्डा राज्य की ममता बनर्जी के नेतृत्वा वाली सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यहां से परिवर्तन यात्रा की शुरुआत हो गई है। ये परिवर्तन सिर्फ सकार का परिवर्तन नहीं, ये परिवर्तन विचार का परिवर्तन है।

उन्होंने कहा कि 10 वर्ष पहले मां, माटी, मानुष के नाम पर ममता दीदी ने यहां सरकार बनाई थी। 10 साल में माता को लूटा गया, बंगाल की अस्मिता पर आघात पहुंचाया गया, माटी की इज्जत भी नहीं की गई। यहां भ्रष्टाचार को संस्थागत बना दिया गया, प्रशासन का राजनीतिकरण कर दिया और पुलिस के साथ साथ उसका इस्तेमाल क्रिमिनल एक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए किया गया।

यहां पर टोलाबाजी, तुष्टिकरण और तानाशाही विराजमान रही है। इसलिए भाजपा ने तय किया है कि परिवर्तन यात्रा के माध्यम से बंगाल की जनता को जगाएंगे, उनको बताएंगे। बल्कि मुझे तो लगता है कि अब बंगाल की जाग चुकी है। यहां भाजपा के करीब 130 कार्यकर्ता मारे गए हैं। 300 से ज्यादा कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ है। ये जब हम पर हमला कर सकते हैं तो साधारण लोगों का क्या हाल होगा? ऐसी सरकार को जाना होगा।

बंगाल की जनता को आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं दिया गया। परिवर्तन यात्रा के माध्यम से जनता को मोदी सरकार की आयुष्मान योजना के बारे में बताएं कि उनके स्वास्थ्य की चिंता मोदी जी ने की थी लेकिन ममता बीच में अड़ंगा बनकर खड़ी रहीं।

बंगाल की संस्कृति को ममता जी नहीं संभाल सकती, इसकी सुरक्षा भाजपा के कार्यकर्ता करेंगे। ममता जी जिस तरह मेरे नाम के आगे विशेषण लगाती हैं, वो बताता है कि आपने बंगाल की संस्कृति का निरादर किया है। बंगाल की संस्कृति का संरक्षण नरेंद्र मोदी जी कर रहे हैं।

बंगाल में आज महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहा है। रेप के केस सबसे ज्यादा बंगाल में हो रहे हैं, घरेलू हिंसा सबसे ज्यादा बंगाल में हो रही है। बंगाल की मुख्यमंत्री एक महिला है, फिर भी महिलाओं की इज्जत न हो, तो बंगाल को परिवर्तन चाहिए।

बंगाल के लोगों ने जय श्रीराम का नारा लगाया तो इस नारे से इतनी नफरत क्यों है? क्या भारत की संस्कृति के साथ जुड़ना गलत है? क्या महापुरुषों का नाम लेना गलत है? इन लोगों के लिए राजनीति संस्कृति से ऊपर है। मुझे पश्चिम बंगाल की जनता का रुख साफ नजर आ रहा है कि परिवर्तन आएगा, कमल खिलेगा, टीएमसी जाएगी ये तय हो चुका है।



ममता ने अहं के लिए बंगाल में प्रधानमंत्री किसान योजना लागू नहीं होने दी

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अपने अहं को संतुष्ट करने के लिये राज्य के किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना से वंचित करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी पूछा कि 'जय श्रीराम' के नारों के लेकर वह आपा क्यों खो देती हैं। नड्डा ने एक माह तक चलने वाले पार्टी के 'कृषक सुरक्षा अभियान' के अंतिम चरण में शिरकत करते हुए कहा कि राज्य की जनता ने बनर्जी और उनकी पार्टी को विधानसभा चुनाव में 'नमस्ते और टाटा' कहने का मन बना लिया है।

नड्डा ने आरोप लगाया कि ममता दी ने बंगाल के किसानों को पीएम किसान योजना के लाभों से वंचित करके अन्याय किया। उन्होंने अपने अहं को संतुष्ट करने के लिये यह कल्याणकारी योजना लागू नहीं होने दी। अब जब बंगाल के किसानों के खुद यह महसूस हुआ कि योजना लागू होनी चाहिये तब जाकर उन्होंने कहा कि इसे लागू करेंगी। 70 लाख किसान दो साल से सालाना छह हजार रुपये की मदद से वंचित हैं। भाजपा अध्यक्ष ने मालदा के शाहपुर गांव में 'कृषक सुरक्षा सह-भोज' के तहत किसानों के साथ भोजन भी किया। उन्हें खिचड़ी और सब्जी परोसी गई।

नड्डा ने कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में 23 जनवरी को हुई घटना की ओर इशारा करते हुए कहा कि मैं जब यहां आया तो जय श्रीराम के नारे के साथ मेरा अभिवादन किया गया। लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि ममता बनर्जी इसे सुनने के बाद गुस्सा क्यों हो जाती हैं। विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में जय श्रीराम के नारे लगने के बाद ममता बनर्जी ने भाषण देने से इनकार कर दिया था।


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