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उत्तर प्रदेश

कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या की जांच के लिए एसआईटी गठित, थम नहीं रहा लोगों का आक्रोश

कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या की जांच के लिए एसआईटी गठित, थम नहीं रहा लोगों का आक्रोश
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बडगाम की चाडूरा तहसील में कर्मचारी राहुल भट की हत्या की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया है। चाडूरा तहसील में कर्मचारी राहुल भट की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। राहुल भट की हत्या से लोगों में आक्रोश है। लोगों ने शुक्रवार को घाटी में कश्मीरी पंडितों ने सड़क पर उतरकर विरोध-प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जम्मू-श्रीनगर हाईवे और बारामुला-श्रीनगर हाईवे को जाम कर आक्रोश जताया। कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने चेताया है कि बिना सुरक्षा के वे कार्य पर नहीं जाएंगे।

कश्मीरी पंडितों ने शव के साथ सड़क पर विरोध जताया

कश्मीरी पंडितों ने शव के साथ सड़क पर विरोध जताया और उप राज्यपाल के आने तक शव उठाने से इनकार कर दिया। देर रात तक जगह जगह विरोध प्रदर्शन चलता रहा। बाद में उप पुलिस महानिरीक्षक सुजीत कुमार के आश्वासन पर कर्मचारी शव उठाने को तैयार हुए। देर रात पार्थिव शरीर को जम्मू के लिए रवाना कर दिया गया। यहां राहुल के माता-पिता दुर्गा नगर में रहते हैं।

केंद्र सरकार के साथ-साथ प्रदेश सरकार की आलोचना की

प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के साथ-साथ प्रदेश सरकार की आलोचना की। कहा, सरकार कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है। उन्होंने सरकारों से पूर्ण सुरक्षा देने की मांग की। बडगाम की शेखपोरा पंडित कॉलोनी में रहने वाले कश्मीरी पंडितों ने सड़क पर धरना दिया।

कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा प्रदान करने में सरकार असफल

उन्होंने कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्याओं पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने प्रधानमंत्री, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे एक कश्मीरी पंडित ने कहा कि बार-बार लक्षित हत्याएं हो रही हैं और वो असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है कि कश्मीरी पंडितों को यहां बसाया जाएगा लेकिन वो यहां रह रहे कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा प्रदान करने में असफल रही।

बारामुला, काजीगुंड और मट्टन में भी चला विरोध-प्रदर्शन

इसके अलावा बारामुला में वीरवन पंडित कॉलोनी में भी कश्मीरी पंडितों ने प्रदर्शन किया। कश्मीरी पंडितों ने कहा कि जब तक उन्हें सुरक्षा का पूर्ण आश्वासन नहीं मिलता तब तक वो लोग नौकरियों पर नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने बार-बार प्रशासन को सुरक्षा से संबंधित ज्ञापन दिए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। आज इस घटना के बाद हम असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

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