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उत्तर प्रदेश

अवैध ढंग से संचालित किए जा रहे अनाथ आश्रम पर प्रशासन की कार्रवाई, बच्चों को किया गया रेस्क्यू

अवैध ढंग से संचालित किए जा रहे अनाथ आश्रम पर प्रशासन की कार्रवाई, बच्चों को किया गया रेस्क्यू
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कुशीनगर

पडरौना नगर से कुछ ही दूर पर स्थित परसौनी कला में अवैध रूप से संचालित हो रहे अनाथालय पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है |

बता दें कि पिछले 15 जुलाई को उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ शुचिता चतुर्वेदी ने अवैध रूप से संचालित इस अनाथालय का औचक निरीक्षण किया था | निरीक्षण में डॉक्टर चतुर्वेदी के द्वारा अनाथालय को अवैध एवं मानक के विपरीत पाया गया | जिसको लेकर उन्होंने जिलाधिकारी कुशीनगर एस राज लिंगम एवं प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन को पत्र लिखा था | डॉक्टर चतुर्वेदी ने जिलाधिकारी के सामने यह प्रश्न खड़ा किया था की पिछले सन 2000 से लेकर अब तक मानक के विपरीत चल रहे इस अनाथालय पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई ? ना ही इसकी जांच हुई |डॉक्टर चतुर्वेदी ने अपने पत्र मे अनाथालय को किशोर न्याय बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम 2015 एवं आदर्श अधिनियम 2016 का खुला उल्लंघन बताया था | जिसके अंतर्गत इस प्रकार संचालित होने वाले संस्थाओं का उक्त अधिनियम के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है ,तथा सभी प्रकार के मानकों पर खरा उतरना भी जरूरी है | विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों एवं बच्चियों को रखने के लिए अलग-अलग मानक बनाए गए हैं जो उक्त अनाथालय पर बिल्कुल नहीं दिखा | सभी आयु वर्ग के बच्चे एक ही साथ रह रहे थे एवं इसके साथ ही साथ सभी बच्चों के नाम एक धर्म विशेष के आधार पर रखकर उनके नाम साथ बसुमता जोड़ कर रखा गया था ,जो कि संचारिका का उपनाम था, जो कानून का उल्लंघन है | इन सभी को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी के द्वारा उप जिलाधिकारी पडरौना कोमल यादव को उक्त प्रकरण में जांच कर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था | बुधवार दोपहर उप जिलाधिकारी पडरौना कोमल यादव, क्षेत्राधिकारी सदर संदीप कुमार वर्मा, इंस्पेक्टर कोतवाली अनुज कुमार सिंह, थानाध्यक्ष महिला थाना तिलोत्तमा त्रिपाठी सहित महिलाओं एवं पुरुष सुरक्षाकर्मियों के साथ उक्त अनाथालय पहुंचे तथा वहां से रह रहे बच्चों को रेस्क्यू करने का प्रयास कर रहे थे ,इसी बीच उक्त अवैध अनाथालय की संचालिका सरीन वसुमता उसके पुत्र दान, जयंत और रूबेन के द्वारा प्रशासनिक कार्यों में बाधा उत्पन्न की गई | साथ ही साथ भावनात्मक रूप से बच्चों को भड़का कर उपस्थित सुरक्षा कर्मियों एवं अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की भी की गई |अंततः उप जिलाधिकारी एवं सीओ सदर के नेतृत्व में बच्चों को रेस्क्यू कर संयुक्त जिला चिकित्सालय जिला मुख्यालय रविंद्र नगर लाया गया तथा उनका चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया | इस अवसर पर सीडब्ल्यूसी की दीपाली सिन्हा भी उपस्थित रही |सूत्रों की माने तो सीडब्ल्यूसी के द्वारा विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों के हिसाब से उन्हें मानक के अनुसार संचालित हो रहे अनाथालय में शिफ्ट कराया जाएगा और अनाथालय की संचालिका सरीन बसुमता उनके बेटों ,बहू भारती एवं कुछ अन्य पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है | उक्त संदर्भ में अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है |लेकिन इस प्रकार की बड़ी कार्रवाई की है तो इस प्रकार का अनुमान लगाया जा रहा है कि निश्चित रूप से उप जिला अधिकारी के द्वारा की गई जांच में बड़ी गड़बड़ी मिली होगी | जिसको लेकर कार्यवाही होनी तय है |

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