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उत्तर प्रदेश

प्रदेश के हर एक अनाथ का ख्याल रखेगी योगी सरकार

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श्रेया पाठक की रिपोर्ट

बाल आयोग ने शुरू की मॉनिटरिंग, महिला कल्याण विभाग ने तैयार की प्रदेश के अनाथ बच्चों की लिस्ट

लखनऊ, 10 जून।

उत्‍तर प्रदेश में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत प्रदेश के 3,590 बच्‍चों को चिन्हित किया गया है। इन बच्‍चों में लगभग 500 बच्‍चे ऐसे हैं जिन्‍होंने अपने माता-पिता को कोरोना काल में खो दिया है। वहीं, शेष वो बच्‍चे हैं जिन्‍होंने माता-पिता दोनों में से किसी ए‍क को खोया है। इन सभी बच्‍चों का ब्‍योरा एकत्र कर स्‍वराज पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। इसके साथ ही बाल संरक्षण आयोग जल्‍द ही बचपन को संवारने की बड़ी तैयारी की है। इसके तहत अब चौराहों को गोद लेने के लिए समाज के विशिष्‍ट लोगों को प्रोत्‍साहित किया जाएगा।

आयोग की ओर से पार्षद, सरकारी व गैर- सरकारी एनजीओ और राजनैतिक प्रतिनिधियों को इसकी जिम्‍मेदारी सौंपी जाएगी। चौराहों को गोद लेने की प्रक्रिया के तहत प्रदेश के बेसहारा बच्‍चों, बाल श्रमिकों व भिक्षावृत्ति कर रहे सभी बच्‍चों का सर्वे किया जाएगा और इन बच्‍चों के भरण पोषण, आश्रय के संग इनको शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्‍साहित किया जाएगा। इन सभी बच्‍चों को चिन्हित कर उनके पुनर्वासन के साथ ही 18 साल से अधिक के इन चिन्हित बाल श्रमिकों को भी मनरेगा व कौशल विकास की योजना से जोड़ इनके भविष्‍य को संवारा जाएगा।

बाल आयोग ने एनजीओ और राजनैतिक दलों के लोगों को भेजी नोटिस

बाल आयोग के अध्‍यक्ष डॉ विशेष गुप्‍ता ने बताया कि अधिकारी, एनजीओ और राजनैतिक दलों के लोगों द्वारा इस योजना के तहत अनाथ बच्‍चों की पहचान को उजागर करने पर नोटिस भेजी गई है आयोग ने सीधे तौर पर ऐसे लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जारी किए हैं। इन लोगों पर जेजे एक्‍ट की धारा 74 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि अधिकारी, एनजीओ और राजनैतिक दलों के लोगों के सोशल मीडिया हैंडल से इस योजना के तहत पात्र बच्‍चों की पहचान को उजागर किया जा रहा है। जिसको लेकर बाल आयोग ने सख्‍त रवैया अपनाया है। इन बच्‍चों के पहचान को उजागर करना जेजे एक्‍ट की धारा 74 का सीधे तौर पर उल्‍लंघन है।

बाल आयोग ने शुरू की मॉनिटरिंग

प्रदेश में इस योजना के तहत पात्र बच्चों को लाभ मिल सके इसके लिए प्रदेश में बाल संरक्षण आयोग की ओर से इस योजना की मॉनिटरिंग का कार्य भी किया जा रहा है। आयोग के अध्‍यक्ष ने बताया कि जमीनी स्‍तर पर बच्‍चों की पात्रता का परिक्षण के साथ दूसरे स्‍त्रोतों से प्राप्‍त डाटा की मॉनीटरिंग की जा रही है। इसके साथ ही इस योजना का लाभ लेने वाले पात्र बच्‍चों के लिए आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र व अन्‍य जरूरी दस्‍तावेजों को बनवाने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए जनपदों के डीएम, डीसीपीयू और टॉस्‍क फोर्स कार्य कर रही है। वहीं, बाल आयोग इस योजना की पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रही है।

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