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उत्तर प्रदेश

चंदौली : होम आइसोलेशन में आ रहा तेजी से सुधार, स्वास्थ्य विभाग से मिल रहा उचित परामर्श व मेडिसिन किट

चंदौली : होम आइसोलेशन में आ रहा तेजी से सुधार, स्वास्थ्य विभाग से मिल रहा उचित परामर्श व मेडिसिन किट
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जिले में लगातार कोरोना पॉज़िटिव की बढ़ती संख्या को कम करने के लिए शासन व स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक स्तर पर प्रयास कर रहा है। कोविड-19 लक्षणविहीन व कम लक्षण वाले कोरोना पॉज़िटिव को होम आइसोलेशन की सुविधा दी जा रही है। जिलाधिकारी संजीव सिंह ने बताया कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए दिशा-निर्देश भी दिये गए हैं, ताकि अतिगंभीर रोगियों को बेड और ऑक्सीज़न की सुविधा दी जा सके | होम आइसोलेट के मानकों के अनुसार यदि मरीज के घर में रहने के लिए अलग कमरा व शौचालय की सुविधा नहीं है तो ऐसे में मरीज को अस्पताल में ही रखा जाएगा | कोरोना पॉज़िटिव रिपोर्ट आने पर लक्षणविहीन सभी मरीजों से होम आइसोलेट के लिए सहमति पत्र भी भरवाया जाता है |

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वी पी द्विवेदी ने बताया कि कम लक्षण वाले मरीजों के लिए शासन ने कई तरह के नियम बनाए हैं । होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए उपचार के लिए निवास स्थान पर स्वयं को आइसोलेट एवं परिजनों को क्वॉरेंटाइन करने की सुविधा हो। कम से कम दो शौचालय हों। ऐसे रोगी जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या वह किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो उन्हें होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं दी जाएगी। 24 घंटे रोगी की देखरेख के लिए एक व्यक्ति उपलब्ध हो। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विकसित किए गए आरोग्य सेतु व होम आइसोलेशन ऐप को मरीज अपने स्मार्टफोन पर डाउनलोड करना होगा। रोगी को अपने स्वास्थ्य की प्रतिदिन दिन में तीन बार स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देनी पड़ेगी। आइसोलेशन में रहने वाले लक्षण विहीन कोविड-19 मरीजों को एक किट अपने पास रखनी होगी जिसमें पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, मास्क, ग्लब्स, सोडियम हाइपोक्लोराइट सोल्युशन (1%) एवं प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली वस्तुएं शामिल होंगी।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/एनएचएम अधिकारी डॉ आर बी शरण ने बताया कि वर्तमान समय जिले में 2997 कोरोना उपचाराधीन हैं, जिसमें 133 हॉस्पिटल में व 1783 होम आइसोलेशन में है। 6293 कोरोना उपचाराधीन होम आइसोलेशन में ठीक हो चुके हैं | होम आइसोलेशन के रोगी एवं उसका देखभाल नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जांच के लिए आइसोलेशन के दौरान रहने वाले लक्षणविहीन कोविड-19 मरीजों को एक किट अपने पास रखनी होगी | अगर स्वास्थ्य में किसी प्रकार की समस्या महसूस हो रही है जैसे - किसी मरीज में सांस लेने में कठिनाई, शरीर में ऑक्सीजन की कमी, सीने में लगातार दर्द, मानसिक भ्रम की स्थिति, बोलने में दिक्कत , चेहरे या किसी अंग में कमजोरी, सिर दर्द होना , आँखों का लाल होना , उल्टी होने पर चिकित्सा सहायता हेतु कोविड नियंत्रण कक्ष से संपर्क करेंगे |

डॉ आर बी शरण ने बताया कि आइसोलेशन में रखे गए सभी कोविड-19 रोगियों के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा निगरानी की जाती है। साथ ही फील्ड स्टाफ या सर्विलांस टीम के सदस्य के द्वारा मरीज के शरीर का तापमान, पल्स रेट एवं ऑक्सीजन लेवल को नापने की जानकारी दी जाती है | ताकि मरीज का विवरण नियमित रूप से कोविड़-19 पोर्टल पर अपडेट किया जा सके | होम आइसोलेशन के प्रोटोकाल का उल्लंघन करने व स्वास्थ्य में आ रही गिरावट के मद्देनजर आवश्यकता की स्थिति मे रोगी को अस्पताल शिफ्ट किया जा सकें | फील्ड स्टाफ के द्वारा प्रोटोकॉल के अनुसार मरीज के परिजनों एवं नजदीकी संपर्क में आये सभी लोगों की ट्रेसिंग , टेस्टिंग व ट्रीटमेंट किया जा सके । उन्होने बताया कि होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगियों का होम आइसोलेशन कोविड पॉज़िटिव होने के 10 दिनों पश्चात तथा पिछले तीन दिनों में बुखार न आने की स्थिति में समाप्त माना जाएगा। इसके पश्चात अगले सात दिनों तक रोगी घर पर ही रह कर अपने स्वास्थ्य का अनुश्रवण करेंगे। होम आइसोलेशन की समाप्ति पर टेस्टिंग की आवश्यकता नहीं होगी।

रिपोर्ट : ओ पी श्रीवास्तव

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