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उत्तर प्रदेश

दलालों का गढ़ बना आरटीओ ऑफिस, अधिकारी भी खेल में शामिल

दलालों का गढ़ बना आरटीओ ऑफिस, अधिकारी भी खेल में शामिल
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लाइसेंस बनवाने के नाम पर अधिकारियों की मिलीभगत से होती है पैसे की उगाही

वाराणसी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र जनपद वाराणसी का आरटीओ ऑफिस दलालों और भ्रष्टाचार अधिकारियों का अड्डा बन चुका है। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि अधिकारियों और कर्मचारियों के मिलीभगत से दलालों द्वारा वाहन पंजीकरण और लाइसेंस के नाम पर लोगों से मनमाना पैसा वसूला जा रहा है। सरकारी फ़ीस और सुविधा शुल्क के नाम पर लोगों से दो हज़ार से पच्चीस सौ रूपये की वसूली करना तो आम बात हो गई है।

एक ओर जहाँ दो पहिया और चार पहिया लर्निंग लाइसेंस बनवाने की फीस महज साढ़े तीन सौ रुपये है और स्थाई लाइसेंस बनवाने की फीस एक हजार है, वही इसके एवज में लोगों से पच्चीस सौ रुपये तक वसूले जा रहे हैं। अगर कोई सिस्टम से हटकर लाइसेंस बनवाने पहुँचता है तो उसे नियमों का हवाला देकर महीनों तक ऑफिस का चक्कर लगाना आम बात हो गई है। थक हारकर आखिर में दलालों के माध्यम से काम कराने पर महज चंद दिनों में ही काम हो जाता है।

लेकिन तब तक लोगों की जेब हल्की हो चुकी होती है। ऐसे हालात में लोगों का दलालों के माध्यम से काम कराना ही मज़बूरी बन चुकी है। इसके बाबत जब इस पूरे मामले की पड़ताल की गई तो मौके पर मौजूद कोई भी अधिकारी और कर्मचारी बोलने को तैयार नहीं हुआ।

रिपोर्ट:-दीपक कुमार सिंह

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