यूपी में कांग्रेस के एक दर्जन नेता 'हाथ' साथ छोड़कर चलाना चाहते हैं 'साइकिल'

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की मुश्किलें आने वाले महीनों में बढ़ने जा रही हैं। पार्टी के एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ नेता समाजवादी पार्टी में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। पार्टी संगठन की नई व्यवस्था में ये नेता खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं। वे मान बैठे हैं कि फिलहाल 2022 में भी कांग्रेस, भाजपा को सीधी टक्कर देती नहीं दिख रही है।
सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी इस बार बिना गठबंधन चुनाव में उतरेगी। उसकी निगाह कांग्रेस की उन परंपरागत सीटों और नेताओं पर है जहां भाजपा अपनी पैठ नहीं बना पाई है। ये ऐसी सीट हैं जहां अभी तक चुनावी ध्रुवीकरण, राजनीतिक दलों के रसूख की बजाय व्यक्तिगत दमखम पर होता है। कांग्रेस के ऐसे ही कद्दावर नेता जिनका अपने इलाके में बेहतर जनाधार है सपा के संपर्क में हैं।
कांग्रेस से हाल ही सपा में गए एक नेता इसमें उनकी मदद कर रहे हैं। राज्य के एक वरिष्ठ नेता का कहना है राजनीति अब एक ही पार्टी में जीवन खपा देने वाली नहीं रही। उनका कहना है कि पिछले विधान सभा चुनाव में पार्टी ने आखिरी समय में गठबंधन कर लिया जिसका सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस को हुआ।
पहले की तुलना में सीटें और कम हो गईं। फिलहाल पार्टी अभी पूरे प्रदेश में जमीन तलाश रही है। अगर टिकट मिल भी जाएगा तो माहौल फिलहाल कांग्रेस के पक्ष में नहीं है। सपा में जाने से सरकार बनने की संभावनाएं हैं या मजबूत विपक्ष की भूमिका रहेंगे।