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उत्तर प्रदेश

यूपी के राजकीय बालगृहों में विदेशी निसंतान दंपत्ति बेटियों को ले रहे गोद

यूपी के राजकीय बालगृहों में विदेशी निसंतान दंपत्ति बेटियों को ले रहे गोद
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लखनऊ,

छोड़ कर यूं अकेला मां तुमने ठुकरा दिया, किस्‍मत ने गैरों को भी अपना बना दिया…

देख मां हाथों की लकीरों ने मुझको अपनों से मिलवा दिया…

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व में उत्‍तर प्रदेश में बेटियों के लिए चलाए जा रहे अभियान की गूंज विदेशों में भी सुनाई दे रही है। यूपी में निराश्रित बालक-बालिकाओं को योगी सरकार आश्रय देने संग उनको परिवार की सुख की छाया मिल सके इसके लिए गोद लेने की प्रक्रिया पर जोर दे रही है। बाल अधिकारों और बाल सुरक्षा के प्रति जागरूक योगी सरकार की मुहिम रंग ला रही है जिसके तहत विदेशी दंपत्ति बालगृहों में आश्रित बेटियों को गोद लेने के लिए आगे आ रहे हैं।

मिशन शक्ति के दूसरे चरण में एक ओर जहां महिला अधिकारों के साथ बाल अधिकार, कन्या भ्रूण हत्‍या, यौन अपराधों की रोकथाम के प्रति जागरूकता अभियान प्रदेशभर में चलाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अभिभावकों द्वारा तिरस्‍कृत बेटियों को विदेशी दंपत्ति का प्‍यार और सहारा दिलवाकर यूपी सरकार ने नजीर पेश की है। बेल्जियम, स्‍पेन, इटली, कनाडा, फ्रांस, इटली, माल्‍टा और अन्‍य देशों से कई निसंतान दंपत्तियों ने यूपी के कई राजकीय बालगृहों से इन तिरस्‍कृत बच्‍चों को अपनाया है।

यूपी में दो सालों में 456 बच्‍चों को मिला नया आशियाना

यूपी में राजकीय बालगृहों से पिछले दो सालों में 456 संवासियों को देश व विदेश के निसंतान दंपत्तियों ने गोद लिया है। राज्‍य दत्‍तक संसाधन अभिकरण के कार्यक्रम प्रबंधक गौरव कुमार ने बताया कि जनवरी 2019 से 31 दिसंबर 2019 तक 290 बच्‍चों को गोद लिया गया है जिसमें देश में 223 बच्‍चों में 136 बेटियां और 87 बेटे हैं वहीं विदेशों में 67 बच्‍चों में 45 बेटियां और 22 बेटे निसंतान दंपत्ति द्वारा गोद लिए गए हैं। जनवरी 2020 से 22 नवंबर 2020 तक देश में गोद लिए जाने वाले 131 बच्‍चों में 88 बेटियां और 43 बेटे हैं वहीं विदशी दंपत्ति द्वारा गोद लिए जाने वाले 35 बच्‍चों में 22 बेटियां और 13 बेटे शामिल हैं। महिला एवं बाल कल्‍याण विभाग के डिप्‍टी डायरेक्‍टर पुनीत मिश्रा ने बताया कि बेटों की अपेक्षा निसंतान दंपत्ति बेटियों को अधिक गोद ले रहे हैं।

तीन सालों में सबसे ज्‍यादा गोद ली गई बेटियां

राजधानी के राजकीय बालगृह शिुशु में तीन सालों में सबसे ज्‍यादा विदेशी निसंतान दंपत्तियों ने बेटियों को गोद लिया है। बालगृह शिशु की सोशलवर्कर आसिया रजा बताती हैं कि साल 2018 में राजधानी के बालगृहों से नौ बच्‍चों, साल 2019 में 10 बच्‍चों और 2020 में दो बच्‍चों को स्‍पेन, कनाडा, बेल्जियम समेत अन्‍य विदेशी दंपत्तियों का दुलार मिला है। उन्‍होंने बताया कि योगी सरकार द्वारा बेटियों के लिए चलाए जा रहे अभियानों से समाज में बेटियों के प्रति लोगों की सोच में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। पिछले तीन सालों में राजधानी के बालगृहों में सबसे ज्‍यादा अनाथ बेटियों को विदेशी दंपत्तियों ने गोद लिया है।

बेटियों के प्रति बढ़ी समाज में जागरूकता

बाल कल्‍याण समिति की सदस्‍य संगीता शर्मा ने बताया कि यूपी को पहली बार ऐसे मुख्‍यमंत्री मिले हैं जो बच्‍चों के लिए संवेदनशील हैं। योगी सरकार द्वारा पिछले साल चलाया गया 'कवच अभियान' हो या फिर 'मिशन शक्ति' जैसा महिलाओं और बच्‍चों के लिए चलाया जा रहा वृहद अभियान। दोनों अभियानों से महिलाओं और बच्‍चों के प्रति जागरूकता समाज में बढ़ी है। उन्‍होंने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत जहां ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र में बेटियां पढ़ रही हैं वहीं अब यूपी की बेटियों के भरण पोषण के लिए विदेशी निसंतान दंपत्ति भी आगे आ रहे हैं।

श्रेया पाठक

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