उत्तर प्रदेश के नाराज ब्राह्मण इस बार किस पार्टी के साथ ? ब्राह्मण वोट को साधने की कवायद में जुटी सभी पार्टियाँ
लखनऊ, अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद राज्य की गैर भाजपाई पार्टियों ने महर्षि परशुराम की भव्य मूर्ति स्थापित करने का ऐलान किया है।उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अभी दूर हैं लेकिन परशुराम की मूर्ति लगवाने और परशुराम जयंती पर होने वाला अवकाश बहाल करने की मांग को ब्राह्मण वोट साधने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।सपा की ओर से परशुराम की भव्य मूर्ति लगाने का ऐलान किया गया तो बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सरकार बनने पर बसपा परशुराम की प्रतिमा हर मामले में सपा की तुलना में ज्यादा भव्य लगाएगी।इन बयानों के बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने महर्षि परशुराम की विशाल प्रतिमा लगाए जाने को लेकर हो रही सियासत पर सोमवार को कड़ी नाराजगी जताई।परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने देवी-देवताओं, ऋषि-मुनियों और अवतारी महापुरुषों को जातियों में बांटे जाने को गलत करार देते हुए कहा कि यह सनातन धर्म और हिन्दू समाज को कमजोर करने की साजिश है।उधर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने सपा-बसपा द्वारा भगवान परशुराम की मूर्ति लगाए जाने के बयान पर कहा कि दोनों ही दलों ने शुरुआत से ही जातिगत राजनीति की है। इनका काम एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाने का रहा है।इस बीच, कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने परशुराम को ब्राह्मण समाज की आस्था का प्रतीक बताते हुए प्रदेश सरकार से मांग की कि भगवान परशुराम जी की जयंती पर होने वाले अवकाश को बहाल किया जाए।परशुराम की भव्य प्रतिमा लगवाने की बात सपा ने शुरू की। सपा ने कहा कि वह भगवान परशुराम की 108 फुट ऊंची मूर्ति लखनऊ में लगवाएगी। पूर्व मंत्री एवं सपा के वरिष्ठ नेता अभिषेक मिश्र ने बताया कि लखनऊ में फैजाबाद रोड या लखनऊ—आगरा एक्सप्रेसवे पर जगह तलाशी जा रही है। मूर्ति कांसे की होगी।उन्होंने कहा कि पिछले साल 25 दिसंबर को चिरंजीव परशुराम चेतना परिषद के तत्वावधान में मूर्ति लगवाने का ऐलान हुआ था। मिश्र का कहना है कि प्रतिमा के साथ ही हिंदुत्व पर रिसर्च सेंटर और गुरुकल भी बनाया जाएगा।वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा द्वारा श्री परशुराम की ऊंची प्रतिमा लगवाने की बात को 'चुनावी स्वार्थ' करार देते हुए कहा है कि ब्राह्मण समाज को बसपा की कथनी और करनी पर पूरा भरोसा है। बसपा की सरकार बनने पर ब्राह्मण समाज की इस चाहत के मद्देनजर श्री परशुराम की प्रतिमा हर मामले में सपा की तुलना में ज्यादा भव्य लगाई जाएगी।मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस बार बसपा की सरकार बनने पर ब्राह्मण समाज की आस्था और स्वाभिमान के प्रतीक माने जाने वाले श्री परशुराम तथा अन्य सभी जातियों और धर्मों में जन्मे महान संतों, गुरुओं और महापुरुषों के नाम पर आधुनिक अस्पताल और कम्युनिटी सेंटर आदि का निर्माण कराया जाएगा।कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर परशुराम जयंती पर होने वाले अवकाश को बहाल करने की मांग की है।अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने कहा कि 500 वर्षों के बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। इस फैसले से देश ही नहीं, पूरे विश्व के सनातन धर्मावलम्बियों में उत्साह है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा, ''लेकिन ऐसा लग रहा है कि कुछ लोगों को यह उपलब्धि रास नहीं आ रही है जिसके चलते वे हिन्दू देवी-देवताओं और ऋषियों-मुनियों को जाति में बांटकर सियासी रोटियां सेंकने का सपना देख रहे हैं।''सपा नेता मनोज पांडेय की हालांकि अपनी दलील है। उनका कहना है कि सपा हमेशा सामाजिक भागीदारी और सम्मान की पक्षधर रही है। परशुराम जयंती पर घोषित छुट्टी को भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया। प्रतिमा लगवाने की पीछे कोई राजनीति नहीं है।