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उत्तर प्रदेश

05 शातिर साइबर अपराधी गिरफ्तार, कब्जे से 02 चारपहिया वाहन, लैपटाप, हैकिंग में प्रयुक्त डिवाइस, अंगुष्ठ क्लोन मशीन, केमिकल व रुपये बरामद

05 शातिर साइबर अपराधी गिरफ्तार, कब्जे से 02 चारपहिया वाहन, लैपटाप, हैकिंग में प्रयुक्त डिवाइस, अंगुष्ठ क्लोन मशीन, केमिकल व रुपये बरामद
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मऊ


पुलिस अधीक्षक मऊ श्री अनुराग आर्य द्वारा अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में, जनपद के विभिन्न बैंको के खाता धारकों के खाते से अवैध रुप से आधार कार्ड के माध्यम से पैसे निकाल लिये जा रहे हैं जिसमें मनोज शर्मा के खाते से 09 लाख 50 हजार रुपये निकलने मामले सहित अन्य मामलों को गंभीरता से लेते हुये साइबर सेल व क्राइम ब्रांच को सख्त दिशा-निर्देश जारी किये गये जिसके क्रम में उक्त संयुक्त पुलिस टीम को उस समयय अहम सफलता हाथ आज जब मुखबिर की सूचना पर जीयनपुर दोहरीघाट मार्ग पर अवरवा चेक पोस्ट के पास रेनाल्ट ट्राइवर एसयूवी कार के साथ 05 लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 03 लैपटाप, फिनो की हार्ड डिवाइस, वाईफाई हाटस्पाट, 19 हजार 400 रुपये बरामद हुये।

पूछताछ तथा उक्त लैपटाप व मोबाइल जांच के दौरान उक्त मनोज शर्मा के खाते से पैसा उड़ाने की घटना में सम्मिलित होने के साथ-साथ जनपद आजमगढ़ के विभिन्न घटनाओं में सम्मिलित होने के साक्ष्य मिले। कड़ाई से पूछताछ के दौरान उक्त द्वारा बताया गया कि हमारे साथ पकड़े गये दो लोग जन सेवा केन्द्र के संचालक हैं जो अपने-अपने दुकान पर आधार कार्ड के माध्यम से पैसा निकालने आये लोगों का अंगुष्ठ निशान कागज पर लगवा लेते थे और अंगुष्ठ निशान को सुदीप यादव व विरेन्द्र यादव की मदद से अपने साथी सोनू शर्मा को दे देते थे जो क्लोन तैयार कर देता था जिससे अंगुष्ठ निशान से आधार नम्बर से उसका खाता नम्बर व बैलेंस जान लेते थे और उसी अंगुष्ठ निशान के क्लोन से अथार्टी देकर पैसा निकाल लेते थे।

इनके निशानदेही पर उनके साथी सोनू शर्मा उर्फ विनय शर्मा के दुकान से अंगुष्ठ निशान के क्लोन बनाने की मशीन, केमिकल, 04 निगेटिव के अलावा किसी बैंक के कर्मचारी का भी थम्ब का निगेटिव व अन्य अधिकारियों को मुहर भी मिला जो संदिग्ध है।

इस गैंग के मास्टर माइंड राहुल खत्री द्वारा फेक आईडी पर डिजिटल बैकिंग का वैलेट बनाया गया था जिसमें अंगुष्ठ निशान के क्लोन से ही मनोज शर्मा के खाते से पैसा ट्रान्सफर कर लिये गये थे जो विभिन्न जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से निकाल लिये गये तथा पैसे को आपस में बांट लिया था तथा दूसरों के खातों से हैक पैसो से एक एसयूवी ट्राइवर व रेनाल्ट क्विड कार लिये थे और घूम-घूमकर विभिन्न जनपदों में अपराध करते थे। अंगुष्ठ निशान उपलब्ध कराने वाले निशान क्लोन बनाने के बाद दूसरे जनसेवा केन्द्र संचालक को दे देते थे ताकि उस पर शक न हो एवं त्रिभुवन ने अपने जनसेवा केन्द्र के माध्यम से पैसा निकालने में सहयोग करता था।

अभियुक्तों को गिरफ्तार करने की टीम-निरीक्षक विमल प्रकाश राय, निरीक्षक कुमुद शेखर सिंह, निरीक्षक डी0के0 चैधरी, आरक्षी अरुण यादव क्राइम ब्रान्च व सिपाही शैलेन्द्र कन्नौजिया साइबर सेल शामिल थे।

रिपोर्ट:-जगदीश सिंह मऊ

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