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चुनाव 2019

EVM का विरोध जनादेश का अपमान, लोकतंत्र की छवि खराब कर रहे- अमित शाह

EVM का विरोध जनादेश का अपमान, लोकतंत्र की छवि खराब कर रहे- अमित शाह
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले विपक्ष द्वारा ईवीएम पर सवाल उठाने को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जनादेश का अपमान बताया है। उन्होंने कहा, 'ईवीएम का विरोध जनादेश का असम्मान है, 22 दल हार की आशंका में भारत, उसके लोकतंत्र की छवि खराब कर रहे हैं।' शाह ने कहा, 'मतगणना से पहले चुनाव प्रक्रिया में बदलाव की विपक्ष की मांग असंवैधानिक, कोई भी फैसला सर्वदलीय सहमति के बगैर नहीं लिया जा सकता।' उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट कर कई सवाल किए हैं। मैं इन सभी पार्टियों से कुछ प्रश्न पूछना चाहता हूं।

EVM की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाने वाली इन अधिकांश विपक्षी पार्टियों ने कभी न कभी EVM द्वारा हुए चुनावों में विजय प्राप्त की है। यदि उन्हें EVM पर विश्वास नहीं है तो इन दलों ने चुनाव जीतने पर सत्ता के सूत्र को क्यों संभाला? देश की सर्वोच्च अदालत ने तीन से ज्यादा PIL का संज्ञान लेने के बाद चुनावी प्रक्रिया को अंतिम स्वरूप दिया है। जिसमें की हर विधानसभा क्षेत्र में पांच VVPAT को गिनने का आदेश दिया है। तो क्या आप लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी प्रश्नचिन्ह लगा रहे है?


मतगणना के सिर्फ दो दिन पूर्व 22 विपक्षी दलों द्वारा चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन की मांग असंवैधानिक है क्योंकि इस तरह का कोई भी निर्णय सभी दलों की सर्वसम्मति के बिना संभव नहीं है। विपक्ष ने EVM के विषय पर हंगामा छः चरणों का मतदान समाप्त होने के बाद शुरू किया। एक्जिट पोल के बाद यह और तीव्र हो गया। एक्जिट पोल EVM के आधार पर नहीं बल्कि मतदाता से प्रश्न पूछ कर किया जाता है। अतः एक्जिट पोल के आधार पर आप EVM की विश्वसनीयता पर कैसे प्रश्न उठा सकते है?

ईवीएम में गड़बड़ी के विषय पर प्रोएक्टिव कदम उठाते हुए चुनाव आयोग ने सार्वजनिक रूप से चुनौती देकर इसके प्रदर्शन का आमंत्रण दिया था। परंतु उस चुनौती को किसी भी विपक्षी दल ने स्वीकार नहीं किया। इसके बाद चुनाव आयोग ने EVM को VVPAT से जोड़ कर चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी किया। VVPAT प्रक्रिया के आने के बाद मतदाता मत देने के बाद देख सकता है कि उसका मत किस पार्टी को रजिस्टर हुआ। प्रक्रिया के इतने पारदर्शी होने के बाद इस पर प्रश्न उठाना कितना उचित है?

कुछ विपक्षी दल चुनाव परिणाम अनुकूल न आने पर हथियार उठाने और खून की नदियां बहाने जैसे आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं। विपक्ष बताए कि ऐसे हिंसात्मक और अलोकतांत्रिक बयान के द्वारा वह किसे चुनौती दे रहा है? EVM पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे प्रश्न सिर्फ भ्रान्ति फैलाने का प्रयास है, जिससे प्रभावित हुए बिना हम सबको हमारे प्रजातांत्रिक संस्थानों को और मजबूत करने का प्रयास करना चाहिए।

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