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चुनाव 2019

बस्‍ती में पीएम का जादू बरकरार, मोदी-मोदी के नारों से गूंजता रहा सभास्थल

बस्‍ती में पीएम का जादू बरकरार, मोदी-मोदी के नारों से गूंजता रहा सभास्थल
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बस्ती, । चार मई। शनिवार की दोपहर 12 बजे थे। बस्ती के पालीटेक्निक की ओर जाने वाला रास्ता आम वाहनों के लिए बंद किया जा चुका था। फोर लेन के एक तरफ की लेन पर पैदल लोग पालीटेक्निक मैदान की ओर जा रहे थे जहां एनडीए की विजय संकल्प रैली थी। हाथों में पार्टियों के झंडे, बैनर और तख्तियां लेकर 'जिंदाबाद-जिंदाबाद' के नारे लगाते हुए जत्थों में लोग चल रहे थे। दूसरी तरफ की लेन पर केवल प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस वाहनों और नेताओं-मंत्रियों के वाहनों की आवाजाही हो रही थी। पालीटेक्निक रोड पर चलते हुए भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्साह देखकर यह महसूस किया जा सकता था कि मोदी का जादू अब भी बरकरार है। रैली स्थल पर जा रहे लोगों में किसी ने नरेंद्र मोदी का मुखौटा पहना था तो कोई पार्टी का झंडा थामे था।

भीड़ अव्यवस्थित न हो इसके लिए सड़क के दोनों ओर पुलिस बलों की भारी तैनाती की गई थी। पुरानी बस्ती रोड से फोरलेन व पालीटेक्निक मैदान के रास्ते में बैनरों, पोस्टरों और झंडों को देखकर ये अंदाज़ा लगाया जा सकता था कि रैली को सफल बनाने के लिए तैयारियां जबरदस्त थी। हरेक पोस्टर में मोदी थे। अपने तय कार्यक्रम से करीब 20 मिनट की देरी से दोपहर 1.54 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पालीटेक्निक मैदान में आ चुके थे। मोदी का हेलीकाप्टर देखते ही हजारों की भीड़ मोदी-मोदी के नारे लगाने लगी। मोदी जैसे ही मंच पर पहुंचे 'फिर एक बार मोदी सरकार' के नारे लगने लगे। हजारों की भीड़ देख मोदी भी गदगद हुए और जनता से बिना किसी देरी के रूबरू हो लिए। मोदी ने विपक्ष को महामिलावटी गठबंधन का दर्जा देते हुए सपा-बसपा व कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। मोदी की बातों पर जनता खूब तालियां बजा रही थी और मोदी भी जनता की नब्ज टटोल विपक्ष पर निशाना साध रहे थे।

बसपा प्रमुख रहीं निशाने पर

मोदी के भाषण में आमतौर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी निशाने पर रहते हैं लेकिन गोरखपुर-बस्ती मंडल में मोदी ने सपा और बसपा को निशाने पर लिया। मोदी ने बसपा प्रमुख पर तंज कसते हुए कहा कि मायावती ने ट्वीट किया था कि उनकी सरकार में हिंसक वारदात कम होती थी। इतना कहकर वह जनता से रूबरू होते हैं और जनता से ही पूछते हैं कि क्या मायावती सही बोल रही हैं? जनता का सवाल आता है कि नहीं। इस पर मोदी कहते हैं कि अब मैं मायावती के राज में कानून-व्यवस्था की वास्तविक स्थिति बयां करता हूं। उन्होंने कहा कि 23 मई 2007 को गोरखपुर के गोलघर में सीरियल बम धमाके हुए थे उस समय किसकी सरकार थी? इसके ठीक छह माह बाद लखनऊ कचहरी में धमाके हुए, उस समय किसकी सरकार थी? 2008 में रामपुर के सीआरपीएफ सेंटर पर हमला हुआ उस समय किसकी सरकार थी? 2010 में काशी के दशाश्वमेध घाट पर बम फटा तब किसकी सरकार थी? मोदी के हर सवाल का जवाब जनता दे रही थी। मोदी यही नहीं रूके उन्होंने आतंकवाद पर भी सपा-बसपा को निशाने पर लिया और कहा कि सपा-बसपा गली के गुंडों से निपटने की नीति नहीं बना सकती है, ऐसे में वह आतंकवाद से निपटने की नीति क्या बनाएगी?

भीड़ ने दिखाया अनुशासन

पालीटेक्निक मैदान में तपती दोपहरी में मौजूद हजारों की भीड़ में मोदी को लेकर जबरदस्त जोश और उत्साह था। भीड़ में गजब का अनुशासन था। मोदी के आने से पहले भी जनता पूरे धैर्य से स्थानीय नेताओं को सुन रही थी। जनता ने मोदी का भाषण भी पूरे धैर्य के साथ सुना। मोदी के सभा स्थल से रवाना होने के बाद भी भीड़ पूरी अनुशासित रही। सभी लोग कतारबद्ध होकर निकल रहे थे। लंच पैकेट हाथों में लिए लोग आराम से अपने-अपने गंतव्य को रवाना होने के लिए बसों में बैठ गए।

सहयोग के लिए धन्यवाद, आने वाले पांच सालों के लिए आशीर्वाद

मोदी ने अपने पूर्ववर्ती पांच सालों के लिए जनता के अभूतपूर्व सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि यहां आने के दो प्रमुख मकसद है। एक धन्यवाद, दूसरा आशीर्वाद। जनता के सहयोग के कारण पांच साल सफलतापूर्वक कार्य किया अब अगले पांच सालों के लिए आपका आशीर्वाद चाहिए। इतना सुनते ही जनता फिर से मोदी-मोदी के नारे लगाने लगी।

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