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क्या चाहता है चीन, जानने की कोशिश करेंगे पीएम मोदी

क्या चाहता है चीन, जानने की कोशिश करेंगे पीएम मोदी
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आखिरकार चीन की तल्खी के पीछे की असली वजह क्या है?

क्या वह वन बेल्ट वन रोड योजना पर कोई सौदेबाजी चाहता है?

या अमेरिका से बढ़ते सैन्य ताल्लुकात पर वह कोई सीधा सा संदेश देना चाहता है?

अब यह बात पीएम नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से जानने की कोशिश कर सकते हैं।

भारत और चीन के बढ़ते तनाव के बीच पीएम मोदी व राष्ट्रपति चिनफिंग के बीच तीन दिनों बाद द्विपक्षीय बैठक बहुत संभव होती नजर आ रही है। दोनो नेता 7- 8 जुलाई को जर्मनी के हनोवर शहर में समूह-20 देशों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंच रहे हैं। अभी तक इनके बीच मुलाकात के सिर्फ आसार थे लेकिन ताजी जानकारी के मुताबिक दोनो नेता समूह-20 की बैठक के अलावा ब्रिक्स (ब्राजील, भारत, चीन, रूस और दक्षिण अफ्रीका) देशों के प्रमुखों की अलग होने वाली बैठक में भी हिस्सा लेंगे।
जानकारों की मानें तो यह मुलाकात वर्ष 2014 की मुलाकात की तरह होगी जब दोनो देशों के बीच तनाव बढ़ रहा था लेकिन मोदी और चिनफिंग की मुलाकात ने मामले को संभालने में काफी अहम भूमिका निभाई। बहरहाल, इन तमाम बैठकों के बीच मोदी व चिनफिंग के बीच होने वाली मुलाकात को मौजूदा तनाव को खत्म करने के लिए काफी अहम माना जा रहा है।
कूटनीतिक सूत्रों के मुताबिक मोदी औऱ चिनफिंग के बीच पिछले तीन वषरें में इतनी बार मुलाकात हो चुकी है कि वे हर मुद्दे पर अब खुल कर बात करते हैं। ऐसे में पीएम मोदी इस स्थिति में होंगे कि अचानक चीन के रवैये में बेहद तल्खी आने के पीछे की असली वजह जानने की कोशिश कर सके। वैसे भी चीन जब भी भारत के साथ सीमा पर तनाव बढ़ाता है तो उसके पीछे उसकी कोई और वजह होती है। इस बार माना जा रहा है कि चीन वन बेल्ट वन रोड परियोजना पर भारत के तल्ख रवैये में नरमी चाहता है।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक ब्रिक्स की अगली बैठक चीन में ही होनी है और उसकी तैयारियां जोरों पर है। इसकी समीक्षा के लिए सभी सद्स्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक हनोवर में बुलाई गई है। इसके अलावा सभी सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों, विदेश मंत्रियों और गृह मंत्रियों की भी बैठक अगले दो महीनों के दौरान होगी।
इन बैठकों के दौरान भारत और चीन के एनएसए, विदेश मंत्रियों और गृह मंत्रियों की आपस में द्रिपक्षीय बैठक होगी जिसमें भारत को अन्य मुद्दों के साथ ही सीमा पर मौजूदा तनाव के हालात को उठाने का मौका मिलेगा। वैसे भी मौजूदा तनाव के बावजूद दोनो देशों के बीच कूटनीतिक स्तर और रक्षा से जुड़े एजेंसियों के स्तर पर बातचीत जारी है।

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