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प्रदेश में जान लेने की धमकी जारी, मंत्री ओम प्रकाश व प्रिंस की बातचीत के अंश

लखनऊ। पंचायत चुनाव खत्म होने के बाद भी उत्तर प्रदेश में जान लेने की धमकी जारी है। इस बार उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एक वोट की खातिर जान लेने पर उतारू हैं। उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री तथा गाजीपुर के जमनियां से विधायक ओम प्रकाश सिंह क्षेत्र पंचायत सदस्य(बीडीसी) प्रिंस को उनके समर्थक पप्पू सिंह के ब्लाक प्रमुख पद के लिए वोट देने को कह रहे हैं। प्रिंस ने निर्दलीय प्रत्याशी मुकेश राय को वोट देने का मन बना लिया है।

अब ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में सूबे के पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह एक बीडीसी सदस्य को उनके पक्ष में वोट देने पर दबाव बना रहे हैं। वह प्रिंस नाम के सदस्य पर वोट देने का खातिर साम-दाम-दंड की नीति अपना रहे हैं। जान लेने तथा जेल भेजने की धमकी के साथ ही मोबाइल फोन पर ओम प्रकाश सिंह निवेदन भी कर रहे हैं।

एक कैबिनेट मंत्री वोटर्स पर दवाब बनाते हैं, इसका एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह ऑडिया किसी नेता का नहीं, बल्कि यूपी सरकार के पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह का है, जिसमें वह एक बीडीसी मेंबर को धमकी दे रहे हैं।

मंत्री का धमकी भरा ऑडियो वायरल

'ऐ प्रिंस, सुनो.. बेटा...हम ओमप्रकाश बोल रहे हैं, पांच आदमी के खत्म होने की बात सुनी है। ऐसा मत करना कि तुम भी...सुन लो, समझे ना। हम ओम प्रकाश बोल रहे हैं, चाहो तो बयान को टेप कर लो, लेकिन वोट दे देना नहीं तो...सुने कि नहीं बचवा। ऐसा करो, तुम कहीं ज्यादा दूर नहीं हो, काबुल या कंधार में नहीं बैठे हो कि वोट दे दोगे और मुझे पता भी नहीं चलेगा। मैं नहीं चाहता कि वोट देने से पहले तुम जेल जाओ। अब तुम्हारी नींद खुली या नहीं? मैं तुमसे कह रहा हूं, मान जाओ वरना तुम्हारे ऊपर तो कई केस दर्ज हैं।

दरअसल, यह पूरा मामला ब्लॉक प्रमुख चुनाव से जुड़ा है और मंत्री ओम प्रकाश सिंह चाहते हैं कि उनका समर्थक चुनाव जीते और इसलिए बीडीसी मेंबर को वोट देने के लिए धमकी दे रहे हैं। बीडीसी मेंबर गाजीपुर का रहने वाला है।

मोबाइल पर ओम प्रकाश के फोन करते ही फोन उठाने वाले ने खुद को प्रिंस का दोस्त बताया। इसके बाद भी ओम प्रकाश उसे प्रिंस-प्रिंस बोलते रहे।

मंत्री ओम प्रकाश व प्रिंस की बातचीत के अंश

ओम प्रकाश : हेलो-प्रिंस, प्रिंस बोल रहे हो?

प्रिंस : नहीं उसका दोस्त बोल रहा हूं।

ओम प्रकाश : तू के हवा, हम ओम प्रकाश बोल रहा हूं।

प्रिंस : मैं प्रिंस का दोस्त बोल रहा हूं।

ओम प्रकाश : कहां के दोस्त हो?

प्रिंस : इलाहाबाद का।

ओम प्रकाश : हेलो।

प्रिंस: सुबह ही नंबर ले गया है, उसका मोबाइल हमारे पास है।

ओम प्रकाश : सुन बेटा हम ओम प्रकाश बोल रहा हूं। बेटवा, मान जा नहीं तो कई ठो केस बा, शंकरा एक मोटरसाइकिल देतबा। पता बा,अगला का फरमान है कि वोट तू हमरा के ही देबा। तोहार पूरा लोकेशन मिल मिल गईल बा, फोटो भी आवत बा।

प्रिंस: बताईं, दूसरा में चल गइल बाटी तो वोट कईसे दिलाई।

ओम प्रकाश: कहां चल गईल बाटा।

प्रिंस: हम मुकेश के खेमे में हैं। नहीं तो हम आपकी बात को नहीं काट सकते हैं। हम आपको बहुत मानते हैं।

ओम प्रकाश: तू हमारा के मनिहै मत, लेकिन वोट देदे बेटवा। मुकेश(गलती से मुकेश नाम निकल जाता है ओम प्रकाश से) तू कह तो तोहरा के कल ही बोलवा लेई।

प्रिंस: हमार क्षमता नहीं बा वोट देने का।

ओम प्रकाश: बा..बा.. क्षमता बा। क्षमता पैदा किया जाता है, कोई माई के पेट से लेकर थोड़े ही आता है।

ओम प्रकाश: वोट देदे बेटा प्रिंस, मैं निवेदन कर रहा हूं। तुम्हारा कोई बालबांका नहीं कर रहा है। मैं बहुत प्यार से कह रहा हूं। तुम बसुहा के पहले बच्चा हो, जिसका मैं नुकसान करूंगा। बेटा वोट दोगे तो तुम्हारा कोई बालबांका नहीं करेगा। वोट नहीं दोगे तो तुम पहले लड़के हो, जिसका मैं नुकसान करूंगा। तुम्हारे समाज का भी नुकसान करूंगा। वोट दोगे तो फायदा करेगा दवाई की तरह। नहीं तो मेरा नंबर है नोट करके बतिया लेना। देखता हूं कि पहले वोट दोगे या जेल जाते हो।

पैसे तो नहीं मांगे, वोट मांगा है

इस प्रकरण पर जब पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि कोई पैसे की मांग तो नहीं की है। वोट ही तो मांग रहा हूं।
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