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उत्तर प्रदेश

कड़ी सुरक्षा के बीच छात्र परिषद के लिए सिर्फ 17 नामांकन

कड़ी सुरक्षा के बीच छात्र परिषद के लिए सिर्फ 17 नामांकन
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इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में छात्र परिषद चुनाव के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विभिन्न संकाय से कुल 70 कक्षा प्रतिनिधि पद के लिए महज 17 उम्मीदवारों ने नामांकन किया। इनमें चार छात्राओं ने भी नामांकन किया है।

छात्र परिषद के चुनाव अधिकारी प्रोफेसर आरके सिंह ने बताया कि कला संकाय में स्नातक प्रथम वर्ष से आदित्य सिंह और स्नातक द्वितीय वर्ष से जितेंद्र कुमार भारतीय और संस्कार त्रिपाठी ने नामांकन किया। विज्ञान संकाय में केवल दो छात्रों ने नामांकन किया। स्नातक चतुर्थ वर्ष से हर्षदेव मीना और परास्नातक प्रथम वर्ष से शबीना खातून ने नामांकन किया। वहीं, विधि संकाय में सर्वाधिक नौ नामांकन हुए। विधि प्रथम वर्ष से संस्कार साहू, देवजीत गौतम, अनुप्रिया यादव और द्वितीय वर्ष से विशाल मजूमदार, अनुप्रिया कश्यप एवं तृतीय वर्ष से निर्भय सिंह ने नामांकन किया। चतुर्थ वर्ष से अनुभव सोनकर और पंचम वर्ष से शांभवी सेंगर ने नामांकन किया। जबकि, एलएलबी द्वितीय वर्ष से वागीश शुक्ला ने नामांकन पत्र जमा किया। आइपीएस, आइडीएस व अन्य सभी केंद्र से तीन छात्रों अभय यादव, सर्वेश यादव और मुकेश यादव ने नामांकन किया। वाणिज्य संकाय में एक भी नामांकन नहीं हो सका।

उम्मीदवारों में रही दहशत :

छात्र परिषद चुनाव के लिए पांच संकाय के विभन्न विषयों से नामांकन करने पहुंचे छात्रों में दहशत का भाव साफ देखने को मिला। कुछ मीडियाकर्मियों ने उनसे बातचीत करने का प्रयास किया तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया। एक प्रत्याशी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसे सोशल मीडिया पर लगातार धमकी मिल रही है। फोन पर भी उसे कहा गया कि यदि छात्र परिषद चुनाव में वह हिस्सा लेता है तो उसे न सिर्फ मारा पीटा जाएगा। आवश्यकता पडऩे पर गोली भी मार दी जाएगी। यह कहते हुए वह भावुक हो गया। आंखों में आंसू आ गए। उसने कहा मैं भी अपने मां-बाप का तारा हूं।

प्रत्याशियों की सुरक्षा की करेंगे मांग : कुलसचिव

इविवि के कुलसचिव प्रोफेसर एनके शुक्ला ने बताया कि छात्र परिषद चुनाव में छात्र-छात्राएं बढ़कर हिस्सा लें। उन्हें डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी प्रत्याशी को डर है तो वह गोपनीय तरीके से प्रॉक्टर अथवा रजिस्ट्रार ऑफिस में शिकायत कर सकता है। यदि प्रत्याशियों की संख्या कम रही तो जिला प्रशासन से सुरक्षा के लिए वार्ता की जाएगी।

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