सदन में विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान, ट्रंप के बयान को सिरे से खारिज करती है सरकार
राज्यसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ किया कि कश्मीर पर डोनाल्ड ट्रंप का बयान सत्य से परे है। पीएम मोदी की तरफ से इस तरह की अपील नहीं की गई थी। कश्मीर मुद्दे पर सरकार का नजरिया साफ है कि सरकार इस विषय पर शिमला एग्रीमेंट और लाहौर डेक्लरेशन के जरिए ही आगे बढ़ेगी। इसमें किसी को शक नहीं होना चाहिए। भारत सरकार डोनाल्ड ट्रंप के बयान को सिरे से खारिज करती है।
ट्रंप के कश्मीर पर मध्यस्थता वाले बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से सफाई आ चुकी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया था कि न तो पीएम मोदी या न ही सरकार ने कश्मीर पर ट्रंप से मध्यस्थता की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक सत्य है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और उस विषय पर किसी तरह की मध्यस्थता सवाल ही नहीं है।
CPI MP D Raja has given notice of suspension of business in Rajya Sabha to discuss 'the statement of US President Donald Trump that Prime Minister Narendra Modi had asked Trump to mediate in Kashmir issue' pic.twitter.com/K9EUR1Ygop
— ANI (@ANI) July 23, 2019
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कश्मीर पर मध्यस्थता के बयान के बाद विरोधी दल सरकार के स्पष्टीकरण मांग रहे हैं। कांग्रेस ने सदन में 15 मिनट के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है ताकि इस विषय पर चर्चा के साथ सरकार से बयान देने की मांग की गई है। कांग्रेस का कहना है कि एक तरफ पीएम मोदी कहते हैं कि ट्रंप उनके दोस्त हैं।लेकिन दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति कश्मीर पर भारतीय रुख की खिल्ली उड़ा रहे हैं।
सीपीआई के डी राजा ने कहा कि यह गंभीर विषय है और सरकार को सदन के जरिए यह बताना जरूरी है कि वो अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर क्या सोचते हैं। उनकी पार्टी इस विषय पर राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दे चुकी है और वो चाहते हैं कि इस विषय पर विस्तार से बहस हो। विपक्षी दलों के नेताओं ने इस संबंध में राज्यसभा के सभापति से मुलाकात की है।