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उत्तर प्रदेश

तेजप्रताप के बाउंसरों और मीडियाकर्मियों के बीच मारपीट, मचा बवाल तो डीएम ने मांगा जवाब

तेजप्रताप के बाउंसरों और मीडियाकर्मियों के बीच मारपीट, मचा बवाल तो डीएम ने मांगा जवाब
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पटना, । बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री औऱ लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के सुरक्षाकर्मियों और मीडियाकर्मियों के बीच जमकर मारपीट हुई जिसके बाद बवाल मच गया है। मीडियाकर्मियों का कहना है कि तेजप्रताप यादव के बाउंसर्स ने हमलोगों से बदसलूकी की और उनकी जमकर पिटाई कर दी।

तेजप्रताप ने मीडियाकर्मियों पर आरोप लगाया है कि मेरे ऊपर जानलेवा हमला करने की साजिश थी और मीडिया वालों ने मुझपर हमला किया और इस दौरान मेरी गाड़ी का शीशा तोड़ दिया। मेरे ड्राइवर की आंख में शीशे का टुकड़ा चला गया है। मैंने एयरपोर्ट थाने में एफआइआर कराया है।


उन्होंने बताया कि मेरे घायल ड्राइवर को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है। साथ ही उन्होंने पुलिस से मांग की, मुझपर जिस मीडियाकर्मी ने हमला किया उसे आज शाम तक गिरफ्तार करे।

जिलाधिकारी ने लिया संज्ञान

इस मामले पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है और मामले की पूरी जानकारी जिलाधिकारी से मांग है। जिलाधिकारी कुमार रवि ने इसकी पूरी जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है। मामले में जो भी दोषी होगा उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आज दोपहर तेजप्रताप यादव अपने समर्थकों के साथ वोट डालने पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान स्थित मतदान केंद्र पहुंचे, जहां वोट देकर लौटते समय उनकी गाड़ी से एक मीडियाकर्मी का पैर कुचल गया तो उसके धक्के से तेजप्रताप की गाड़ी का शीशा टूट गया। इस बात पर तेजप्रताप के बाउंसर्स ने इस मामले में मीडियाकर्मियों की पिटाई कर दी।

इस बारे में जब तेजप्रताप यादव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि हमारी गाड़ी का कांच फोड़ा गया है। हमलोगों पर जानलेवा हमला किया गया है। तेजप्रताप ने इस बात से भी इनकार किय़ा कि सुरक्षाकर्मियों ने मारपीट की है।

घायल मीडियाकर्मी का आरोप है कि उनके पैर पर तेजप्रताप के ड्राइवर ने गाड़ी चढ़ाई थी जिसके बाद उन्होंने अपने हाथ से गाड़ी को धक्का मारा था जिससे शीशा टूट गया। इस घटना में एक दैनिक अखबार के फोटोग्राफर को चोटें आई हैं। कुछ दिनों पहले ही तेजप्रताप के बॉडीगार्डस ने पटना मे एक बारात के दौरान उनके बाराती पक्ष से भिड़ गए थे।

बता दें कि तेजप्रताप अपनी सुरक्षा के लिए सरकारी गार्ड्स के अलावा बाउंसरों की टोली लेकर भी चलते हैं। इससे पहले भी बिहार विधानसभा परिसर में उनके निजी बॉडीगार्ड्स और बाउंसर्स की एंट्री पर सवाल खड़े हुए थे।

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