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उत्तर प्रदेश

जहरीली शराब कांड की जांच के लिए SIT गठित

जहरीली शराब कांड की जांच के लिए SIT गठित
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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब पीकर मरने वालों की संख्या 100 से ज्यादा हो गई है. अकेले यूपी के सहारनपुर में 75 लोगों की जान चली गई. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर दी है. एसपी देहात विद्यासागर मिश्र इसकी अगुवाई करेंगे. इस टीम में तीन निरीक्षकों को भी शामिल किया गया है. ये टीम सिर्फ इस मामले की जांच करेगी. उसे दूसरा कोई काम नहीं दिया जाएगा.

जहरीली शराबकांड से इतनी बड़ी संख्या में हुई मौत के बाद दोनों राज्यों में हड़कंप मच गया है. अवैध शराब के खिलाफ ताबड़तोड़ पुलिस कार्रवाई की जा रही है. आबकारी विभाग के अनुसार 297 मुकदमे दर्ज करके 175 गिरफ्तार किए गए हैं. जिला प्रशासन के मुताबिक ये शराब पड़ोसी राज्य उत्तराखंड से लाई गई थी.

ये पुलिसकर्मी सस्पेंड

इस बड़ी लापरवाही पर एसएसपी दिनेश कुमार ने नागल थाना प्रभारी सहित दस पुलिसकर्मी और आबकारी विभाग के तीन इंस्पेक्टर व दो कांस्टेबल सस्पेंड कर दिए हैं. वहीं, सहारनपुर के देवबंद के सर्कल ऑफिसर (सीओ) को सस्पेंड किया गया है.

यूपी सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान

बता दें कि सीएम योगी ने इस मामले में मृतकों के आश्रितों को 2 लाख और जिनका इलाज चल रहा है उन्हें 50 हजार रुपए मदद देने का ऐलान किया है. साथ ही सीएम ने ये भी कहा कि ऐसी घटनाएं पहले भी घट चुकी हैं, जिनमें कई समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता शामिल थे.

निशाने पर यूपी सरकार

घटना के बाद से ही यूपी सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई है. पहले प्रियंका गांधी ने राज्य सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया तो वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले में योगी सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं सरकार की मिलीभगत की वजह से हो रही हैं.

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अखिलेश यादव ने कहा, 'विपक्ष ऐसी गतिविधियों की जानकारी लगातार दे रहा था, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया क्योंकि वो भी इसमें शामिल थे. सच्चाई तो ये है कि ऐसे धंधे सरकार की मिलीभगत के बिना नहीं फलते-फूलते. इस सरकार को ये मान लेना चाहिए कि उनसे राज्य नहीं चलाया जा रहा.

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