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उत्तर प्रदेश

मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण अखिलेश-मायावती गठजोड़ के पक्ष में होने के आसार, इन 24 सीटों पर मुस्लिम हैं निर्णायक

मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण अखिलेश-मायावती गठजोड़ के पक्ष में होने के आसार, इन 24 सीटों पर मुस्लिम हैं निर्णायक
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प्रदेश के मुस्लिम वोटरों के लिए सपा-बसपा गठबंधन के रूप में मजबूत ठीहा तो मिला ही है, साथ ही उसके सामने कांग्रेस की ओर जाने का विकल्प भी है। पर मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण अखिलेश-मायावती गठजोड़ के पक्ष में होने के ज्यादा आसार दिखते हैं।

रविवार को कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। यूपी में लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबिल होने वाली प्रमुख पार्टियों में कांग्रेस, सपा और बसपा तीनों ही मुस्लिम प्रत्याशी भी मैदान में उतारेंगी। ऐसे में अब मुस्लिम वोट किस ओर ज्यादा जाएगा, देखना दिलचस्प रहेगा।

गोकशी के मामलों में हुई भीड़ हिंसा, पशु वधशालाओं को बंद कराने, मंदिर-मस्जिद विवाद व तीन तलाक जैसे ज्वलंत मुद्दों के साथ विकास व जनहित के कार्यों में अपनी कथित अनदेखी के चलते यूपी के मुस्लिम खासे खफा हैं। इन मतदाताओं का ध्रुवीकरण इस बार के लोकसभा चुनाव में अलग नजरिये से देखा जा रहा है।

खत्म हो सकता है यूपी से लोकसभा में मुस्लिम नुमाइंदगी का सूखा : अब पिछले पांच वर्षों से लोकसभा में देश के इस सबसे बड़े सूबे से मुस्लिम नुमाइदंगी का सूखा खत्म होने के भी आसार बढ़ गये हैं। सन 2014 के लोकसभा चुनाव में चली प्रचंड मोदी लहर के चलते यूपी से एक भी मुस्लिम सांसद लोकसभा नहीं पहुंच पाया था।

वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने सबसे ज्यादा करीब सौ मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। जबकि सपा ने 64 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था। इस बार की विधानसभा में कुल 25 मुस्लिम विधायक हैं जो कि पिछले 25 सालों में बनी प्रदेश की विधानसभाओं में सबसे कम बताए जाते हैं।

इससे पूर्व 1991 में कल्याण सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में यूपी की विधानसभा में 23 मुस्लिम विधायक थे। प्रदेश की मौजूदा विधानसभा में सबसे ज्यादा 18 मुस्लिम विधायक सपा के हैं, जबकि बसपा के पांच और कांग्रेस के दो मुस्लिम विधायक हैं।

24 सीटों पर मुस्लिम हैं निर्णायक

यूपी की 80 में से 24 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जो मुस्लिम आबादी बहुल मानी जाती हैं। इनमें बरेली, बदायूं, पीलीभीत, रामपुर, सम्भल, अमरोहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, आजमगढ़, बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, वाराणसी, डुमरियागंज और बलरामपुर प्रमुख हैं।

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