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इश्क के ब्यापार में है लेन भी और देन भी, एकतरफा हारेगा, हो इश्क या सरकार हो
BY Anonymous11 Dec 2018 1:15 PM GMT
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Anonymous11 Dec 2018 1:15 PM GMT
भाइयों को छोड़ कर ससुराल से जब प्यार हो,
फिर कहो घर में मियां क्यों ना तुम्हारी हार हो।।
इश्क के ब्यापार में है लेन भी और देन भी,
एकतरफा हारेगा, हो इश्क या सरकार हो।1।
वोट देंगे रामजी और काम होगा श्याम का,
यह छीनरपन का तमाशा कब तलक स्वीकार हो?2।
याद रखो बस तुम्हें किसने चुना और क्यों चुना,
वोट जिसका है मियाँ उसकी ही जयजयकार हो।3।
जब इबादत तक यहाँ ख़ालिस दुकानदारी हुई,
है न बेहतर लोकतंतर भी खुला बाजार हो ?4।
सर्वेश तिवारी श्रीमुख
गोपालगंज, बिहार।
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