Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

इश्क के ब्यापार में है लेन भी और देन भी, एकतरफा हारेगा, हो इश्क या सरकार हो

इश्क के ब्यापार में है लेन भी और देन भी, एकतरफा हारेगा, हो इश्क या सरकार हो
X

भाइयों को छोड़ कर ससुराल से जब प्यार हो,

फिर कहो घर में मियां क्यों ना तुम्हारी हार हो।।

इश्क के ब्यापार में है लेन भी और देन भी,

एकतरफा हारेगा, हो इश्क या सरकार हो।1।

वोट देंगे रामजी और काम होगा श्याम का,

यह छीनरपन का तमाशा कब तलक स्वीकार हो?2।

याद रखो बस तुम्हें किसने चुना और क्यों चुना,

वोट जिसका है मियाँ उसकी ही जयजयकार हो।3।

जब इबादत तक यहाँ ख़ालिस दुकानदारी हुई,

है न बेहतर लोकतंतर भी खुला बाजार हो ?4।

सर्वेश तिवारी श्रीमुख

गोपालगंज, बिहार।

Next Story
Share it