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उत्तर प्रदेश

UPPSC में सदस्यों की नियुक्ति न होने से, भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट पर लगा ब्रेक

UPPSC में सदस्यों की नियुक्ति न होने से,  भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट पर लगा ब्रेक
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में पिछले कई महीनों से सदस्यों की नियुक्ति न हो पाने से परीक्षाओं के संचालन और भर्ती परीक्षाओं के चयन परिणामों के अनुमोदन पर बुरा असर पड़ रहा है. सदस्यों की नियुक्ति न होने से बैठकों का कोरम भी पूरा नहीं हो पा रहा है. जिससे आधे दर्जन से ज्यादा भर्ती परीक्षाओं का रिजल्ट घोषित नहीं हो पा रहा है. सदस्यों की कमी का असर आयोग के विभागीय और आंतरिक कार्यों पर भी पड़ रहा है.

विभागीय प्रोन्नति समिति यानी डीपीसी के साथ ही विभागीय परीक्षा समिति के कार्य भी सदस्यों की कमी के चलते ठप पड़ गए हैं. दरअसल सभी कार्यों के लिए एक सदस्य को ही समिति का अध्यक्ष बनाया जाता है और सदस्य को अध्यक्षता सौंपने का कार्य अधिष्ठान समिति का होता है. मौजूदा समय में यूपी लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष प्रो. अनिरुद्ध सिंह यादव के अलावा मात्र एक सदस्य डॉ जयराम प्रसाद वैद्य ही कार्यरत हैं.

आयोग के सात सदस्य सेवानिवृत्त हो गए हैं. जिनके स्थान पर ही नये सदस्यों की नियुक्ति होनी है. वहीं आयोग में सदस्यों की नियुक्ति न होने से भर्तियों के रिजल्ट भी रुके हुए हैं. जिसको लेकर प्रतियोगी छात्रों में रोष है. आयोग में कई ऐसी भर्ती परीक्षाएं हैं जिनके रिजल्ट सदस्यों के न होने के चलते नहीं घोषित हो पा रहे हैं.

रिजल्ट नहीं हुए घोषित:

पीसीएस 2017 मेंस चार माह.

पीसीएस 2016 मेंस दो साल.

समीक्षा अधिकारी 2016 प्री ढाई साल.

समीक्षा अधिकारी 2017 प्री एक साल.

अर्थ सांख्यिकी अधिकारी 2009-10 आठ साल.

एपीएस 2013 के तीन सौ पद(अपर निजी सचिव) दो साल.

जूनियर इंजीनियर 2010 के दो हजार पद आठ साल.

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