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उत्तर प्रदेश

फर्जी मार्कशीट मामले में 23 शिक्षक बर्खास्त

फर्जी मार्कशीट मामले में 23 शिक्षक बर्खास्त
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कौशांबी जिले में वर्ष 2012-13 में फर्जी अंक पत्र लगाकर अध्यापक की नौकरी हासिल करने वाले 23 शिक्षकों को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बर्खास्त कर दिया है. फर्जीवाड़े में फंसे में जिले के 23 शिक्षकों की जांच पिछले चार साल से चल रही थी. बताया जा रहा है कि इस दौरान जालसाज शिक्षक तरह-तरह का जुगाड़ लगाकर बच निकलते थे, लेकिन इस बार जालसाजों का कोई भी जतन काम नहीं आया और आखिरकार सभी को अपनी नौकरी गवानी पड़ी.

2012 से 2014 के बीच तीन चक्रों में हुई भर्ती में फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल करने वाले जालसाजों ने अपने आवेदन में टीईटी की मार्कशीट लगाया थी. गौरतलब है कि विवादों के चलते (टीईटी अध्यापक पात्रता) परीक्षा 2011 की मार्कशीट लगाई गई थी. विवादों के चलते टीईटी परीक्षा 2011 का परीक्षा परिणाम लंबे समय तक घोषित भी नहीं किया गया था.

2014 में रिजल्ट सार्वजनिक होने के बाद लोगों ने इनके फर्जीवाड़े की शिकायत की तो बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने अभिलेखों का ऑनलाइन सत्यापन कराया तो जालसाजी कर टीईटी की फर्जी मार्कशीट लगाने का बड़ा खुलासा हुआ. जिसके बाद जालसाजों ने सेटिंग कर मामला दबा दिया और बहाना बनाया था कि विवादों के कारण ऑनलाइन टीईटी परीक्षा 2011 की परीक्षा का परिणाम भरोसेमंद नहीं था, लिहाजा उन सभी के अंक पत्रों का ऑफ़लाइन सत्यापन कराया जाए.

पूरे मामले में तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 4 मई 2017 को सभी फर्जी शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाते हुए ऑफ़लाइन सत्यापन के लिए सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश को पत्र भेज कार्यवाई की मांग की थी. 5 जुलाई 2018 को ऑफ़लाइन सत्यापन में फर्जीवाड़े का खुलासा सामने आने के बाद बोर्ड के निर्देश पर प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येन्द्र कुमार सिंह ने 23 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया. बर्खास्तकिये गए सभी शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए संबंधित सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है.

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