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उत्तर प्रदेश

छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह को मिली जमानत

छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह को मिली जमानत
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इलाहाबाद - विश्वविद्यालय की पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष ऋचा सिंह की आज जिला कचहरी से जमानत हो गई। ऋचा सिंह के प्रति पुलिस के भेदभाव रवैये को कोर्ट ने स्वीकार किया। अतः कोर्ट ने उन्हें जमानत दी गई।उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस मेंस-2017 परीक्षा का पेपर रद किए जाने के बाद बवाल में बुधवार शाम छात्रसंघ पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह को गिरफ्तार कर नैनी सेंट्रल जेल भेजा गया था। हालांकि ऋचा के साथ हिरासत में लीं गईं तीन छात्राओं और चार अभ्यर्थियों को थाने से मुचलके पर छोड़ दिया गया। सुबह सभी की गिरफ्तारी दर्शायी गई। एसएसपी नीतिन तिवारी का कहना है कि ऋचा के खिलाफ जांच अधिकारी के पास साक्ष्य थे इसलिए गिरफ्तारी हुई।

क्या था मामला

मंगलवार को लोकसेवा आयोग चौराहे पर जाम के दौरान पथराव और आगजनी की गई थी। पुलिस ने मौके से ऋचा सिंह समेत सात लोगों को हिरासत में लिया था। ऋचा सिंह और तीन छात्राओं को पहले महिला थाने और फिर आशा ज्योति केंद्र में रखा गया जबकि अन्य अभ्यार्थियों को सिविल लाइंस थाने में। बुधवार सुबह ऋचा व अन्य पर मुकदमा दर्ज होने की खबर पाकर सपा नेता पहुंच गए। सीओ सिविल लाइंस के मुताबिक, चौकी प्रभारी लोकसेवा आयोग सुभाष चौधरी की तहरीर पर केस दर्ज हुआ है। प्रतिमा शुक्ला, दिव्या गुप्ता और प्रतिमा समेत चार अभ्यर्थियों को थाने से जमानत दी गई थी। इन्हें परीक्षा देनी थी। ऋचा सिंह को जेल भेजे जाने से पहले कई सपाइयों ने महिला थाने पहुंचकर हंगामे की कोशिश की। अधिवक्ता ने जमानत अर्जी पेश की लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दी थी।

सीएम के विरोध पर जेल

नैनी सेंट्रल जेल भेजे जाने से पहले ऋचा सिंह ने कहा कि जिन धारा में उन्हें जेल भेजा जा रहा है, उसी धाराओं में दूसरे लोगों को जमानत दे दी गई। उन्होंने बतौर छात्रसंघ अध्यक्ष विवि में योगी आदित्यनाथ का विरोध किया था, इसलिए उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई। ऋचा ने जेल से छूटने के बाद आंदोलन का भी एलान किया।

वकीलों का समूह पहुंचा

अधिवक्ता विनोद चंद्र दुबे पूर्व अध्यक्ष इलाहाबाद विश्वविद्यालय, अधिवक्ता उमाशंकर तिवारी जिला कचहरी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, अधिवक्ता कौशलेन्द्र सिंह, अधिवक्ता लोकेश सिंह, अधिवक्ता अरुण उपाध्याय, अधिवक्ता लाल चंद्र मिश्रा ने ऋचा सिंह के लिए जिरह की। कोर्ट के इस फैसले से छात्र समुदाय में हर्ष खुशी है।

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