कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद, दर्जनभर मंत्रियों की छुट्टी तय
BY Anonymous24 April 2018 2:01 AM GMT
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Anonymous24 April 2018 2:01 AM GMT
कर्नाटक चुनाव के बाद प्रदेश मंत्रिमंडल में बड़े पैमाने पर फेरबदल की तैयारी है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश सरकार के मंत्रियों के काम की परख कर ली है। माना जा रहा है कि करीब एक दर्जन मंत्रियों की छुट्टी तय है तो कुछ को अच्छे कामों के लिए प्रमोशन भी दिया जा सकता है। मंत्रियों के खाली हुए पदों की भरपाई अभी एमएलसी बने संगठन और दूसरे दलों से आए नेताओं से की जाएगी। इसके साथ इस मंत्रिमंडल पुनर्गठन में कुछ बड़े मंत्रियों का विभाग भी बदला जा सकता है। । इसके अलावा आधा दर्जन मंत्रियों के भ्रष्टाचार की शिकायतें भी पीएम मोदी से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक पहुंची हैं। ऐसे मंत्रियों का मंत्रिमंडल से पत्ता साफ होना तय है। युवाओं को रोजगार देने वाले विभागों की ढिलाई से नाराजगी: भाजपा संगठन ने चुनाव से पहले पांच साल में 70 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का वादा किया था। प्रदेश सरकार ने रोजगार सृजन में व्यवसायिक शिक्षा विभाग पर अहम जिम्मेदारी डाली है। लेकिन इस विभाग के ढीले कामों से नेतृत्व खुश नहीं है। किसानों के हितों वाले विभागों में आड़े आ रही अनुभवहीनता: नेतृत्व प्रदेश में किसानों के हित में बड़े पैमाने पर काम किए जाने की आवश्यकता महसूस कर रहा है। लेकिन एक साल में यह उसे अहसास हो गया हे कि किसानों की उपज के मंडियों में न बिक पाने की प्रमुख वजह यह है कि विभाग का अनुभवहीन मंत्री के हाथ में होना। ऐसे में कृषि विपणन के लिए किसी अनुभवी और कृषक पृष्ठभूमि वाले जन प्रतिनिधि को यह विभाग सौंपा जाएगा। सरकारी अस्पतालों की हालत नहीं सुधर रही: केन्द्रीय नेतृत्व का स्वास्थ्य सेवाओं पर खासा जोर है। नेतृत्व भाजपा सरकार में सरकारी अस्पतालों में कायाकल्प देखना चाहता है। अस्पतालों में डाक्टरों से लेकर नर्सिंग स्टाफ की कमी न पूरा किए जाने पर भी वह चिंतित है।
शाह ने हाल ही में जनता से सीधे तौर पर जुड़े विभाग सहकारिता, शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई, समाज कल्याण और ग्रामोद्योग और युवाओं को रोजगार देने में सहायक विभागों पर खास समीक्षा की। इसके अलावा आबकारी की नई नीति के कारण सरकार को पहुंच रही राजस्व की क्षति को भी उन्होंने विभाग के लिए अच्छे लक्षण नहीं माने थे। उन्होंने उसे आबकारी विभाग की असफलता माना था। निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने या फिर स्कूली बच्चों को किताब, स्कूली बैग व यूनीफार्म उपलब्ध कराने में भाजपा के वादे को पूरा करने में शिक्षा विभाग की विवादित भूमिका पर भी वे नाखुश दिखे। खेतों में पानी मिलने को लेकर किसानों को राहत न मिलने को भी श्री शाह ने गंभीरता से लिया।
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