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उत्तर प्रदेश

76 % लोगों ने कहा नाबालिग से रेप पर हो मौत की सजा

76 % लोगों ने कहा नाबालिग से रेप पर हो मौत की सजा
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नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा बच्चों से रेप के दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान करने वाले अध्यादेश पर मुहर लगाने के एक दिन बाद एक सर्वे सामने आया है. इसके मुताबिक 76 फीसदी लोगों का कहना है कि बच्चों से रेप पर मौत की सजा मिलनी चाहिए. लोकलसर्किल की तरफ से कराए गए सर्वे के मुताबिक, 18 फीसदी लोगों ने रेप के दोषियों को बिना पैरोल के जीवन भर उम्रकैद की सजा देने पर सहमति जताई जबकि तीन फीसदी लोगों ने कहा कि सात साल जेल की सजा (जैसा अभी कानून है) होनी चाहिए.
यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पॉस्को) अधिनियम, पर नागरिकों की नब्ज टटोलने के लोकलसर्किल ने छह राष्ट्रव्यापी सर्वे किए, जिसमें उसे 40 हजार से ज्यादा जवाब मिले. दूसरे सर्वे में 89 फीसदी लोगों ने अपने-अपने राज्यों में एक ऐसा कानून पारित करने की इच्छा जताई जिसमें छह महीने के भीतर मौत की सजा सुनाई जाए. मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश बाल रेप के लिए मौत की सजा वाला कानून पारित कर चुके हैं.
यौन उत्पीड़न के मामलों को दर्ज करने के लिए अधिक महिला अधिकारियों को जोड़ने वाले अन्य सर्वे में पाया गया कि 78 फीसदी नागरिक हर जिला स्तर पुलिस थाने में कम से कम एक महिला अधिकारी तैनात करने के समर्थन में हैं. नाबालिग से रेप मामलों में पुलिस की तरफ से चार्जशीट करने में लगने वाले समय के चौथे सर्वे में केवल 28 फीसदी लोगों ने कहा कि इसे 30 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए. जबकि 25 फीसदी ने इसे 45 दिनों के भीतर करने को कहा.
पांचवे सर्वे में पाया गया कि 65 फीसदी लोग चाहते हैं कि पॉस्को न्यायाधीश केवल नाबालिग से यौन दुर्व्यव्हार से संबंधित मामलों को संभालें. पॉस्को अधिनियम के तहत नाबालिग से रेप के मामलों में न्याय के लिए समय सीमा पर हुए अंतिम सर्वे में 85 फीसदी नागरिकों ने कहा कि छह महीने में न्याय दिया जाना चाहिए.
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