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उत्तर प्रदेश

मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है कर्नाटक में बीजेपी का 'योगी फैक्टर'

मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है कर्नाटक में बीजेपी का योगी  फैक्टर
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव की सियासी बाजी जीतने के लिए कांग्रेस-बीजेपी और जेडीएस ने पूरी तरह कमर कस ली है. सिद्धारमैया के चेहरे के सहारे कांग्रेस राजनीतिक रणभूमि में है, तो बीजेपी एक बार फिर बीएस येदियुरप्पा के जरिए कमल खिलाने की जुगत में. वहीं जेडीएस एचडी नेता कुमारस्वामी बसपा के कंधों पर सवार होकर राजनीतिक बाजी अपने नाम करना चाहते हैं. इसके बावजूद बीजेपी-कांग्रेस के लिए राज्य की सत्ता नाक की लड़ाई बन चुकी है. गुजरात और त्रिपुरा के बाद एक बार फिर कर्नाटक में बीजेपी का वाई फैक्टर यानी योगी आदित्यनाथ पार्टी की सत्ता में वापसी के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकते हैं.
योगी बीजेपी के लिए ट्रंप कार्ड
कर्नाटक में बीजेपी 2013 विधानसभा चुनाव की गलती दोहराना नहीं चाहती है. इसी के मद्देनजर पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. त्रिपुरा विधानसभा चुनाव की तर्ज पर कर्नाटक की सियासी जंग फतह करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ट्रंपकार्ड के रूप में इस्तेमाल कर रही है. राज्य में नाथ संप्रदाय के मतों को देखते हुए पार्टी ने ये कदम उठा रही है. कर्नाटक में कुल 30 जिले हैं और पार्टी ने योगी की 37 रैलियां कराने की योजना बनाई है.
नाथ संप्रदाय पर नजर
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ, गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं. नाथ संप्रदाय पर यकीन रखने वाले लोग नाथ संप्रदाय के महंत को भगवान का दर्जा देते हैं. इतना ही नहीं महंत को महादेव का अवतार भी मानते हैं. त्रिपुरा में नाथ संप्रदाय के लोगों को बीजेपी खेमे में लाने में योगी ने अहम भूमिका निभाई थी. इसी तर्ज पर कर्नाटक में नाथ संप्रदाय के लोगों को बीजेपी खेमे में लाने की जिम्मेदारी योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई है. कर्नाटक में इस संप्रदाय की जड़ें बहुत गहरी और फैली हुईं हैं. इसी के मद्देनजर योगी को कर्नाटक के सियासी रणभूमि में सक्रिय किया जा रहा है.
पिछले दिनों योगी ने मंगलुरू के कदाली मठ का दौरा किया था जिसे योगेश्वर मठ के नाम से भी जाना जाता है. ये कर्नाटक में नाथ संप्रदाय का सबसे बड़ा केंद्र है. कर्नाटक के तटीय इलाकों में नाथ संप्रदाय के अनुयायियों की ज्यादा संख्या है. योगी आदित्यनाथ की एक रैली तटीय इलाके में हो चुकी है और कई रैलियां अभी होनी है. दक्षिण कन्नड और उडपी में नाथ संप्रदाय के लोग अपनी खास पकड़ के लिए जाने जाते हैं.
बीजेपी के आलाकमान ने योगी आदित्यनाथ के जरिए दक्षिण भारत के गेटवे में कमल खिलाने की रणनीति बनाई है. गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने 5 जनवरी को दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से शिष्टाचार भेंट की थी. इसी दौरान प्रधानमंत्री ने कर्नाटक और त्रिपुरा विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बारे में उनसे चर्चा की थी. पीएम मोदी ने योगी को कर्नाटक में अधिक ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए थे.
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