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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट,लखनऊ की सजावट पर खर्च ₹66 करोड़ और डिफ़ाल्टर उद्योगपतियो का बुलावा!! प्रीति चौबे

उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट,लखनऊ की सजावट पर खर्च ₹66 करोड़ और डिफ़ाल्टर उद्योगपतियो का बुलावा!! प्रीति चौबे
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दो दिन पहले पूरे हुए दो दिवसीय उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट के लिए राजधानी लखनऊ का चेहरा बदल दिया गया। हरियाली से लेकर रोशनी में शहर को सराबोर कर दिया गया। सजावट करके समिट के लिए आए निवेशकों को दिवा स्वप्न दिखाया गया!
अब इस साज-सज्जा पर आए खर्च के बारे में जानकारी सामने आई है।
लखनऊ जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने इन्वेस्टर्स मीट में हुए खर्च के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दो दिन के समिट के लिए सजावट पर 66.15 करोड़ रुपये का खर्च आया। अधिकारी ने बताया कि लखनऊ म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने 24.25 करोड़, लखनऊ डिवेलपमेंट अथॉरिटी ने 13.08 करोड़ और लोक निर्माण विभाग ने 12.58 करोड़ रुपये खर्च किए। बताया गया कि राज्य में आयोजित यह सबसे बड़ा कार्यक्रम था। इसमें 22 चार्टर्ड प्लेन, 12 लग्जरी होटेल्स में 300 कमरे बुक किए गए थे। पूरे शहर में होर्डिंग और रोशनी के लिए झालरें लगाई गई थीं। जगह-जगह पौधे भी लगाए गए थे।

गौरतलब ध्यान देने की बात यह है की जब तक राज्य में कानून व्यवस्था स्थापित नहीं है, तब तक कोई निवेशक यहां निवेश नहीं करेगा! क्यूकी पिछले 1 साल का घटनाक्रम देखे तो ऐसा लगता है की भाजपा सरकार नफरत, हिंसा, जातिवाद और सांप्रदायिकता की राजनीति कर रही है!
ऐसा प्रतीत होता है की सरकार करोड़ों रुपये के एमओयू साइन किए जाने के बारे में लोगों को गुमराह कर रही है।
जहा एक तरफ भाजपा सरकार ऐसा दावा कर रही है की समिट में सात देशों से लगभग 6000 लोगों ने हिस्सा लिया था। दो दिवसीय समिट में 1,045 एमओयू पर साइन किए गए जिसमें 4.28 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है और 4 लाख करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि इन समझौतों से राज्य में कम से कम 33 लाख नौकरियां पैदा होंगी।

दूसरी सबसे बड़ी बात यह रही की रोटेमैक के चेयरमैन विक्रम कोठारी का नाम भी यूपी इन्वेस्टर्स समिट के 100 मुख्य अतिथियों लिस्ट में शामिल था। वह इस समिट में हिस्सा लेते उससे पहले ही सीबीआई ने उन्हें कस्टडी में ले लिया। इन्वेस्टर्स मीट के जैसे ही अधिकारियों को इस बात की भनक लगी विक्रम कोठारी का नाम लिस्ट से बाहर कर दिया गया।
प्रदेश सरकार ने ऐसे 113 बड़े उद्योगपतियों की एक लिस्ट तैयार की।
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम मुकेश अंबानी का था। कोठारी का नाम इस लिस्ट में 88वें नंबर पर था। विक्रम कोठारी के साथ ही उनके भाई और पान पराग ग्रुप के चेयरमैन दीपक कोठारी का नाम भी लिस्ट में शामिल था। कोठारी ब्रदर्स पर सीबीआई का शिकंजा जैसे कसा, वैसे ही यह लिस्ट मंगाकर उनके नाम तत्काल हटा दिए गए।

खैर यह तो आने वाला दिन ही बताएगा की की इस इन्वेस्टर्स समिट से उत्तर-प्रदेश के लोगो को फ़ायदा होगा या नही, किंतु अभी 66 करोड़ का नुकसान उत्तर-प्रदेश की भाजपा सरकार ने सजावट पर किया है वो साफ दिख रहा है!
और इन्वेस्टर्स समिट करके भाजपा ने इन्वेस्टर्स को लुभाया या नही,पूरा इनवेसमेंट होगा की नही किंतु 2019 की चुनावी माहौल की शुरूआत ज़रूर लगा जिसका प्रचार भाजपा आगामी चुनाव मे ज़रूर करने वाली है!

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