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उत्तर प्रदेश

दूसरे दौर की वोटिंग के लिए गुजरात तैयार : विजय तिवारी

दूसरे दौर की वोटिंग के लिए गुजरात तैयार : विजय तिवारी
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गुजरात विधानसभा चुनाव के तहत होने वाले दूसरे और अंतिम दौर के मतदान के लिए राज्य तैयार है.गुजरात विधानसभा चुनाव में कुल 182 में से बाकी बचीं 93 सीटों पर 14 दिसंबर को वोटिंग होनी है. यह वोटिंग 14 जिलों में होगी. इसके लिए चुनाव प्रचार मंगलवार शाम पांच बजे थम गया. इससे पहले 9 दिसंबर को पहले फेज में 68 फीसदी वोटिंग हुई थी. 18 दिसंबर को नतीजों का एलान किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने-अपने दलों के लिए धुआंधार प्रचार कर इस चुनाव को हर आम ओ खास की चर्चाओं के केंद्र में रखा है.
दूसरे दौर के चुनाव में उत्तरी और मध्य गुजरात में 14 जिलों में 93 सीटों के लिए मतदान होगा जिसमें कुल 851 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस चरण में 2.22 करोड़ लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.
इस दौर की चुनावी जंग के प्रमुख उम्मीदवारों में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल भी शामिल हैं जो मेहसाणा से चुनाव लड़ रहे हैं और कांग्रेस के जीवाभाई पटेल उनके प्रतिद्वंद्वी हैं.
कांग्रेस से जुड़े अल्पेश ठाकोर राधनपुर निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में हैं. उन्हें भाजपा के लाविंगजी ठाकोर चुनौती दे रहे हैं.
वडगाम (एससी) एक और महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है जहां भाजपा के विजय चक्रवर्ती के खिलाफ कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय जिग्नेश मेवानी चुनाव मैदान में हैं.
कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र रहे मणिनगर से कांग्रेस ने विदेश में शिक्षा प्राप्त श्वेता ब्रह्मभट्ट को भाजपा के वर्तमान विधायक सुरेश पटेल के खिलाफ मैदान में उतारा है. मोदी ने 2014 में इस सीट को खाली कर दिया था.
भाजपा के खिलाफ जाति आधारित समीकरण बैठाने की जुगत में कांग्रेस ने हार्दिक पटेल, ठाकोर और मेवानी का सहारा लिया है जो पाटीदारों, अन्य पिछड़ा वर्ग और दलितों की ओर से युवा तुर्क बनकर उभरे हैं.
इस चुनाव को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले की परीक्षा माना जा रहा है। गुजरात विधानसभा चुनाव मोदी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न हैं और राहुल के लिए अग्निपरीक्षा हैं.
चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में मोदी ने तीखा हमला बोला और पालनपुर में एक रैली के दौरान आरोप लगाया कि पाकिस्तान गुजरात चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने दावा किया कि मणिशंकर अय्यर द्वारा उन्हें 'नीच' कहे जाने के एक दिन पहले कुछ पाकिस्तानी अधिकारियों और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिहं के बीच मुलाकात हुई.
हालांकि, मनमोहन सिंह ने मोदी से कहा कि उन्हें अपनी टिप्पणियों के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.
आंकड़ाें की नज़र में यह चरण
कुल सीटें: 182
दूसरे फेज में वोटिंग: 93
कुल वोटर: 2 करोड़ 22 लाख 96 हजार 867
महिला वोटर: महिलाएं- 1 करोड़ 15 लाख 47 हजार 435
पोलिंग स्टेशन: 25 हजार 558
कुल वोटिंग मशीन: 28 हजार 114
कुल कैंडिडेट्स: 851, इनमें से 69 महिलाएं।
सबसे ज्यादा कैंडिडेट्स: मेहसाणा - 32
सबसे कम कैंडिडेट्स: झालोद - 2
दरियापुर सबसे छोटी असेंबली सीट
- एरिया के हिसाब दरियापुर सबसे छोटी असेंबली सीट है. इसका कुल इलाका सिर्फ 6 वर्ग किलोमीटर है.
- सबसे बड़ी असेंबली सीट राधनपुर है. इसका कुल इलाका 2544 वर्ग किलोमीटर है.
- लिम्खेड़ा में सबसे कम 1 लाख 87 हजार 245 वोटर हैं. वहीं, घाटलोडिया में सबसे ज्यादा 3 लाख 52 हजार 316 वोटर्स हैं.
- ये हैं 14 जिले: बनासकांठा, पाटन, अहमदाबाद, मेहसाणा, गांधीनगर, खेडा, वडोदरा, साबरकांठा, दाहोद, पांच महल, छोटा उदयपुर, आणंद, महिसागर और अरावली.
- इस फेज में बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, जद(यू), सपा, आप, बसपा और शिवसेना समेत 55 दलों के कैंडिडेट मैदान में हैं.
दूसरे फेज में इन दिग्गजों पर नजर
- दूसरे फेज में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल (मेहसाणा), मंत्री भूपेन्द्र चूडासमा (धोलका), मंत्री शंकर चौधरी (वाव), कांग्रेस के अल्पेश पटेल (राधनपुर) मैदान में हैं।
- इनके अलावा इस फेज में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल (डभोई), कांग्रेस के सपोर्ट वाले निर्दलीय उम्मीदवार जिग्नेश मेवाणी (वडगाम) की किस्मत का भी फैसला होना है.
- मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीबी स्वेन ने बताया कि भाजपा ने 93 कांग्रेस 91 राकांपा 28, बसपा 75, आप 8, शिव सेना 17, जदयू ने 14 उम्मीदवार उतरे हैं. 350 निर्दलीय तथा गैर मान्यता प्राप्त दलों के 170 उम्मीदवार भी मैदान में हैं.
गुजरात के सियासी जंग में पहले दौर के बाद अब जोर आजमाइश मध्य गुजरात और उत्तर गुजरात में है. प्रदेश की सियासत में इन दोनों क्षेत्रों की खास अहमियत है. इन दोनों क्षेत्रों में से उत्तर गुजरात बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है. बीजेपी उत्तर गुजरात के जरिए पिछले दो दशक से सत्ता के सिंहासन पर विराजमान होती रही है. लेकिन इस बार बीजेपी के लिए उत्तर गुजरात को फतह करना आसान नहीं लग रहा है. ऐसे में बीजेपी के सामने अपने मजबूत किला बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है.
2012 में उत्तर और मध्‍य गुजरात के विधानसभा चुनाव के नतीजे
कुल सीटें-93
बीजेपी-52
कांग्रेस-39
अन्य-2
2012 में भी बीजेपी का दबदबा नहीं था
उत्तर गुजरात में कांग्रेस का दबदबा रहा है. पिछले 2012 के विधानसभा चुनाव में इस इलाके की 32 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 15 और कांग्रेस को 17 सीटें मिली थीं. लेकिन बदले सियासी समीकरण में इस बार गुजरात में मामला कांग्रेस और बीजेपी में करीबी मुकाबला नजर आ रहा है.
उत्तर गुजरात के जिले
उत्तर गुजरात में गांधीनगर, बनासकांठा, साबरकांथा, अरवली, मेहसाना और पाटन जिले आते हैं. माना यही जा रहा है कि इस बार गुजरात में बीजेपी को कांग्रेस कड़ी टक्कर देने की स्थिति में नजर आ रही है. हार्दिक पटेल से लेकर अल्पेश ठाकोर इस क्षेत्र से आते हैं.
किसे मिली कितनी सीटें
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में उत्तर गुजरात की बनासकांठा जिले की 9 विधानसभा सीटों में बीजेपी ने 4 और कांग्रेस के कब्जे में 5 सीटें हैं, पाटन जिले की 4 सीटों में से 3 पर बीजेपी और 1 पर कांग्रेस का कब्जा है. महेसाणां जिले में 7 विधानसभा सीटें हैं, इनमें 5 बीजेपी और 1 कांग्रेस का कब्जा है. राज्य के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल महेसाणां सीट से ही विधायक हैं और दोबारा से चुनावी मैदान में है. साबरकांठा की 4 सीटों में से 3 कांग्रेस और 1 बीजेपी के पास हैं. जबकि अहमदाबाद से सटे गांधीनगर की 5 विधानसभा सीटों में से 2 पर भाजपा और 3 पर कांग्रेस का कब्जा है.
मध्य गुजरात की बात करे तो
कुल सीटें-61
बीजेपी-37
कांग्रेस-22
एनसीपी-1
निर्दलीय-1
बीजेपी की कमजोर होती पकड़
2012 के चुनावों में वोट शेयर के देखते हैं तो कांग्रेस से बीजेपी करीब 10 फीसदी आगे थी. शंकर सिंह वघेला के इसी क्षेत्र से आते हैं. वघेला ने कांग्रेस से बगावत करके चुनावी मैदान में है. वाघेला फैक्टर कांग्रेस के लिए नुकसान साबित हो सकता है. लेकिन अगर शंकर सिंह वाघेला फैक्टर काम नहीं करता है तो कांग्रेस और बीजेपी के बीच अंतर और कम हो सकता है.
उत्तर गुजरात की सीमाएं राजस्थान से सटी हुई हैं. राजस्थान से लगी हुए कई विधानसभा सीटें हैं. कांग्रेस ने अशोक गहलोत को गुजरात का प्रभारी बनाकर इन सटे हुए क्षेत्रों में अपनी पकड़ को और भी मजबूत बनाया है.
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