Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

करारा झटका : वोटिंग से पहले करीबी दिनेश बांभानिया ने छोड़ा हार्दिक का साथ

करारा झटका  : वोटिंग से पहले करीबी दिनेश बांभानिया ने छोड़ा हार्दिक का साथ
X

गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग से ठीक पहले कांग्रेस के साथी और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के नेता हार्दिक पटेल को करारा झटका लगा है। शुक्रवार को हार्दिक के करीबी और PAAS के बड़े नेता दिनेश बांभानिया ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पाटीदारों को OBC कोटे में शामिल करने के वादे को घोषणा पत्र में शामिल नहीं किया। उन्होंने कहा कि अब पाटीदारों के आरक्षण की बात पीछे छूट गई है। उन्होंने सीडी कांड को लेकर हार्दिक पर भी सवाल उठाए। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ युवकों ने उन्हें धमकी भी दी।

बताया जा रहा है कि दिनेश बीजेपी जॉइन कर सकते हैं। दिनेश ने कहा कि आदोलन अब राजनीतिक हो चुका है और हार्दिक समुदाय का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहे हैं। हार्दिक की कथित सेक्स क्लिप्स को लेकर दिनेश ने कहा कि एक सीडी के साथ छेड़छाड़ हो सकती है सभी के साथ नहीं।

गुजरात विधानसभा चुनाव के महासमर में हार्दिक पटेल का संगठन पाटीदार अनामत आंदोलन समिति सूबे में बीजेपी और कांग्रेस से भी ज्यादा चर्चा में है। हार्दिक के संगठन की चुनावी संभावनाओं को लेकर तमाम कयास लग रहे हैं, लेकिन ऐन चुनाव से पहले इसमें दरार पड़ती दिख रही है। बांभानिया इससे पहले हार्दिक पटेल की रणनीति पर सवाल उठा चुके थे और टिकटों के बंटवारे पर कांग्रेस का विरोध किया। बांभानिया इस बात से भी नाराज थे कि कांग्रेस ने PAAS की कोर कमिटी से सलाह लिए बगैर ही उनके सदस्यों को टिकट दे दिया।

2015 की महारैली के बाद जो कोर टीम चर्चा में आई थी, उसमें कई बदलाव हो गए हैं। इस टीम के कई सदस्य या तो बीजेपी में शामिल हो गए या अपने रास्ते पर चले गए हैं। इस पूरी लड़ाई में अब तक जो चेहरा नहीं बदला है, वह हैं हार्दिक पटेल। केतन पटेल, चिराग पटेल, वरुण पटेल और रेशमा पटेल जैसे नेता पहले ही हार्दिक का साथ छोड़ चुके हैं।

विधानसभा की 182 में से 89 सीटों के लिए पहले चरण में चुनाव होगा। सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात क्षेत्रों में होने वाले चुनाव में 977 उम्मीदवार खड़े हैं जिनमें मुख्यमंत्री विजय रुपाणी शामिल हैं। शनिवार को राज्य के कुल 4.35 करोड़ मतदाताओं में से 2.12 करोड़ लोग मतदान की प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेंगे।

सौराष्ट्र और कच्छ सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए अहम हैं क्योंकि पहले चरण में इन दोनों क्षेत्रों में सबसे ज्यादा सीटें हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इन दोनों क्षेत्रों से अधिकतम सीटें जीतने से पार्टी राज्य में अगली सरकार के गठन के लिहाज से बेहतर स्थिति में होगी। शनिवार को होने वाले चुनाव में खड़े प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री रुपाणी (राजकोट, पश्चिम) ), कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल (मांडवी) एवं परेश धनानी (अमरेली) शामिल हैं।

Next Story
Share it