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उत्तर प्रदेश

फर्जी बीमा पॉलिसी बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़

फर्जी बीमा पॉलिसी बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़
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यूपी एसटीएफ ने ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो फर्जी वेबसाइट के जरिए नामचीन इंश्योरेंस कंपनियों के नाम पर फर्जी पॉलिसी बेच रहा था। जालसाज को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है।
एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि आईसीआईसीआई लंबार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के प्रतिनिधि ने ऑटोमोबाइल इंश्योरेंस में गड़बड़ियों के बारे में शिकायत की थी।
कार्रवाई के लिए अभिषेक सिंह ने एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी को लगाया। बताया गया कि आई मैक्स ऑटो इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की फर्जी वेबसाइट केजरिए चार सरकारी व छह निजी क्षेत्र की इंश्योरेंस कंपनियों की फर्जी पॉलिसी बेची जा रही है।
कंपनी के बारे में जानकारी का जिम्मा एसटीएफ के साइबर थाने के इंचार्ज आईपी सिंह को दिया गया।
आईसीआईसीआई लंबार्ड के प्रतिनिधि ने एक पॉलिसी भी एसटीएफ के अधिकारियों को दी जिसे सत्यापित किया गया तो वह फर्जी निकली। इस मामले में एसटीएफ के साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। साइबर थाना इंचार्ज आईपी सिंह ने जितेंद्र को लखनऊ स्थित उसके ऑफिस से गिरफ़्तार किया और इस धोखाधड़ी से सम्बन्धित दस्तावेज बरामद किए।
इसमें 152 फर्जी पॉलिसी, आई मैक्स एजेंट की सूची, प्रपोजल फॉर्म जारी करने की रसीद बुक, डीएम श्रावस्ती के नाम आई मैक्स ऑटो इंश्योरेंस को विभिन्न योजनाओं में बीमा कराने का अनुरोध पत्र, एक लैपटॉप और एक मोबाइल बरामद किया है।
फैजाबाद रोड पर खोल रखा था ऑफिस
आईपी सिंह ने शुरुआती जांच में पाया कि फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनी का प्रोपराइटर जितेंद्र प्रताप सिंह है। उसने फैजाबाद रोड पर स्थित यादव मुरारी कॉम्प्लेक्स में ऑफिस खोल रखा है। जितेंद्र अपने एक साथी के साथ मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी बेचता है।
इस फर्जीवाड़े के लिए जितेंद्र ने एक वेबसाइट बना रखी थी, जिसमें एजेंट को लॉग इन आईडी और पासवर्ड दिए गए हैं। एजेंट वेबसाइट पर लॉगइन करने के बाद सभी प्रमुख 10 कंपनियों की इंश्योरेंस पॉलिसी निकाल सकता है। एजेंट को नकद पैसे लेकर कंपनी में जमा करने की व्यवस्था दी गई थी।
पूछताछ में जितेंद्र ने बताया कि वह पूर्व में लखनऊ में एक इंश्योरेन्स ब्रोकर के रूप में काम करता था। वहीं उसे फर्जी ऑटो इंश्योरेन्स पॉलिसी के बारे में जानकारी मिली। नौकरी छूटने के बाद उसने बिजनेस सोलूशन के नाम से एक ऑफिस खोला और आई-मैक्स ऑटो इंश्योरेन्स कंपनी खोली।
इसके लिए एक वेबसाइट बनाई और इंश्योरेंस एजेंट्स के मैनेजमेंट का सॉफ्टवेयर विकसित कराया। इस वेबसाइट पर गोंडा, बहराइच व श्रावस्ती जिले में काम करने के इच्छुक इंश्योरेन्स एजेन्ट रजिस्टर किए गए। साल 2014 से लेकर अब तक लगभग 80 एजेंट इन जिलों में हजारों की संख्या में नई पॉलिसी या पुरानी पॉलिसी का रिन्यूवल कर चुके हैं।
वहीं प्रीमियम के पैसे कमीशन काटने के बाद जितेंद्र प्रताप को दे चुके हैं। जितेंद्र ने कुबूल किया कि आईसीआईसीआई लंबार्ड के नाम पर जो भी पॉलिसी बनाई वह सब फर्जी हैं।
जितेंद्र ने यह भी बताया कि उसने सरकारी इंश्योरेन्स कम्पनियों जैसे नेशनल, ऑरियंट, न्यू इंडिया एवं यूनाइटेड इंश्योरेन्स और रिलायंस जनरल इंश्योरेंस तथा निजी क्षेत्र की कंपनियां इफ्को टोकियो, भारती अक्सा जनरल इंश्योरेंस, एसबीआई जनरल इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई लंबार्ड और श्रीराम जनरल इंश्योरेंस की फर्जी पॉलिसी बाजार में बेची है।
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