Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

भाजपा में निगम टिकटों की सौदेबाजी पर मचा घमासान

भाजपा में निगम टिकटों की सौदेबाजी पर मचा घमासान
X
लखनऊ से आठ सौ किमी दूर एक फाइव स्टार होटल। यहां खुले एक अस्थाई दफ्तर से निगम चुनाव के लिए एक दर्जन भाजपा दावेदारों के टिकट तय हुए। ये टिकट ज्यादातर दलबदलुओं को मिले या फिर गलत छवि मगर पैसे से मजबूत लोगों को। जिन्हें पार्टी की विचारधारा और मानदंडों के आधार पर लखनऊ से टिकट कन्फर्म होने की आस नहीं रही, उन सब दावेदारों ने इस होटल के दफ्तर में हाजिरी लगाई। देर से टिकट जारी होने पर सौदेबाजी और सेटिंग-गेटिंग के पार्टी के अंदऱखाने आरोप लग रहे। नेताओं के पुतले भी फूंके जा रहे। टिकट वितरण पर पार्टी के अंदर मचे घमासान से बड़े नेता असहज हैं।
भाजपा के ही एक असंतुष्ट नेता का कहना है कि- अरे भाई रुहेलखंड में लॉटरी किंग को टिकट मिला है, तो पूर्वाचल में करोड़पति आरटीओ बाबू की बीवी को। अब टिकट वितरण पर कुछ कहने-सुनने को नहीं रह जाता। यह सच है कि निगम टिकट में खूब पैसा चला, तभी दागियों की पौ-बारह हुई
योगी ने पहले ही कर लिया किनारा
योगी आदित्यनाथ को शायद पहले से ही अंदेशा था कि निगम चुनाव के टिकट वितरण में वह पारदर्शिता नहीं बरती जाएगी, जिसकी दरकार है। उन्हें यह भी अंदाजा था कि इस मामले में उनसे ज्यादा किसी और की चलेगी। यही वजह है कि उन्होंने टिकट वितरण से खुद को अलग कर लिया था। करीबी सूत्र बताते हैं कि योगी ने अपने किसी करीबी नेता के लिए सिफारिश नहीं की। सब कुछ उन्होंने संगठन पर छोड़ दिया।
शायद यही वजह रही कि योगी अपने गढ़ गोरखपुर में भी मनपसंद उम्मीदवार को टिकट नहीं दिला पाए। योगी ने यह सतर्कता इसलिए बरती कि कहीं टिकट को लेकर आरोपप-प्रत्यारोप का कीचड़ उनके भगवा आंचल पर दाग न लगा दे। योगी भले ही मुकदर्शक होकर देखते रहे। मगर जिन्हें काम करना था, वो कर गए। अब भाजपा के अंदरखाने घमासान मचा है। पार्टी के नेता कह रहे हैं कि अगर मोदी और शाह को खबर लग जाए कि उनके राज में छुटभैय्ये नेताओं के संरक्षण में टिकटों की दलाली चल रही तो शायद वे संगठन में भूमिका निभा रहे छोटे से लेकर बडे पदाधिकारियों को नाप दें।
किस आधार पर बंटे टिकट, कोई बताने वाला नहीं
भाजपा के अंदरखाने सवाल उठ रहे हैं कि टिकट वितरण को लेकर कोई स्थाई मापदंड नहीं तय हुए। चेहरे देखकर ही टिकट तय कर दिए गए। यह नहीं देखा गया कि कौन कब से पार्टी की सेवा कर रहा, किसकी छवि कैसी है, कौन कितना जुझारू है, कौन दलबदलू है, कौन पार्टी के लिए मुफीद है, अमुक स्थान पर जातीय समीकरणों के लिहाज से कौन फिट बैठ रहा है।
इन सब तथ्यों पर ध्यान दिए बगैर ही कई स्थानों पर टिकट तय कर दिए गए। यही वजह है कि भाजपा को निगम के चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है।
गैर प्रांत के होटल में सौदेबाजी
भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि विधानसभा में दो टिकट बिके थे। इसमें एक टिकट फैजाबाद जिले की विधानसभा सीट का था। उस सीट पर अन्जान और बहुत युवा चेहरे को पार्टी ने मैदान में उतारा था। जिस पर पार्टी के लोग ही चौंक गए थे। बताते हैं कि पैसे के दम पर यह टिकट हथियाया गया था। इसी तरह पूर्वांचल की दो सीटों पर टिकट बेचने की बातें सामने आतीं रहीं। हालांकि लोगों ने मोदी के नाम पर वोट दिए, लिहाजा इऩ सीटों पर भी पार्टी जीत गई। लिहाजा गलत प्रत्याशियों को मिले ये तीन टिकट भी जीतवालों के बीच खप गए।
सूत्र बताते हैं कि भाजपा में इन दिनों एक लॉबी है, जो टिकटों की दलाली में जुटी है। इस लॉबी में कुछ प़ॉवर ब्रोकर टाइप के लोग हैं। जिनकी भाजपा के बड़े सांगठनिक नेताओं के आवास पर आऩा-जाना लगा रहता है। कहते हैं कि लॉबी का मानना है कि इन दिनों मोदी लहर में घुरहू-कतवारू भी चुनाव जीत जा रहे। ऐसे में पैसे के दम पर कुछ टिकट इधर से उधर भी कर दिए जाएं तो पार्टी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।
इसी लॉबी का नाम सामने आ रहा इस बार निगम चुनाव में टिकट बेचने में। सूत्र बताते हैं कि लखनऊ से आठ सौ किमी दूर गैर प्रांत के एक फाइव स्टार होटल में लॉबी ने अपना ठिकाना बनाया हुआ है। यहीं से टिकटों की नीलामी होती है।
भाजपा नेता ने खोले रेट
फिरोजाबाद में पूर्व महानगर अध्यक्ष सुनील शर्मा ने टिकट वितरण में भ्रष्टाचार पर पार्टी नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने एक बड़े भाजपा नेता का पुतला भी फूंका। वहीं दुर्गानगर स्थित राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य नानकचंद्र अग्रवाल के घर तोड़फोड़ किए। शर्मा ने आरोप लगाया-महानगर अध्यक्ष गुप्ता, शिवमोहन ने 5100-5100 रुपये नामांकन के लिए लिए। भाजपा नेता की जगह समाजवादी पार्टी के एमएलसी डॉ. दिलीप यादव के चचेरे भाई को वार्ड नंबर 35 से टिकट दिया गया। जबकि भाजपा के कार्यकर्ता संजीव यादव प्रबल दावेदार थे। उन्होंने आगरा के ब्रज क्षेत्र संगठन मंत्री से पूरे प्रकरण की शिकायत की है। हालांकि कई पदाधिकारी कुछ करने में असमर्थता जता रहे हैं। उनका कहना है कि टिकट ऊपर से तय होता है।
शाहजहांपुर में भाजपाइयों का धरना
यूपी के शाहजहांपुर में भी घमसान मचा है। जलालाबाद से मनिंद्र गुप्ता को टिकट मिलने पर पार्टी के एक धड़े के नेता खुलकर आरोप लगा रहे। बीते दिनों संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना के आवास पर हंगामा भी हो चुका है। भाजपा कार्यकर्ता हर्षित का कहना है कि जलालाबाद से गलत छवि के उम्मीदवार को संगठन नेताओं ने टिकट बेच दिया। सवाल उठता है कि राकेश के पास इतना पैसा आता कहां से है। एक बाबू अगर
वहीं संगठन पदाधिकारी भगवा का आंचल मैला करने में जुटे हैं। मामला निगम निगम चुनाव में टिकट वितरण का है। जिस पर पार्टी के अंदरखाने घमासान मचा है। ऐसे-ऐसे लोगों को टिकट बांटे गए, जिनकी छवि कैसी है, इलाके के बच्चे-बच्चे जानते हैं। आरोप लग रहे हैं कि- भाजपा के सांगठनिक नेता जमीनी कार्यकर्ताओं को किनारे कर करोड़पतियों-अरबपतियों के आगे बिछ गए। कुछ सीटों को छोड़ दिया जाए, अमूमन सभी जगह धनबलियों को टिकट बांटे गए। इसमें ज्यादातर अतीत में भाजपा के प्राथमिक सदस्य भी नहीं रहे।
Next Story
Share it