नवदुर्गा..... और नारी पर अत्याचार : प्रीति चौबे
आज से नव दुर्गा पर्व शुरू है!सभी लोग दुर्गा शक्ति के नवो नारी रूपो की पूजा करेंगे। किन्तु कुछ वर्ष पूर्व, टॉमसन-रायटर्स ट्रस्ट लॉ फाऊण्डेशन की शोध-रिपोर्ट ने महिलाओं के लिए सबसे असुरिक्षत माने जाने वाले देशों में दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत को चौथा स्थान देकर तहलका मचा दिया था। फाऊण्डेशन के यह सर्वे रिपोर्ट आसानी से गले उतरने वाली नजर नहीं आ रही थी।
भला जिस देश में जहां, नर में राम और नारी में सीता देखने की संस्कृति रही हो, नदियों को भी माता कहकर पुकारा जाता हो, भगवान के विभिन्न अवतारों, ऋषि-मुनियों, योगियों-तपस्वियों आदि की क्रीड़ा व कर्म-स्थली रही हो, महिला सशक्तिकरण के लिए दिन-रात एक कर दिया गया हो, संसद में भी तैतीस प्रतिशत महिलाओं को बैठाने की तैयारियां चल रही हों, शीर्ष पद रक्षामंत्री निर्मला सीतरमन से लेकर मुख्यमंत्री, मंत्री, जिला पार्षद, सरपंच व पंच पदों पर महिलाएं विराजमान हों और हर प्रमुख परीक्षा व क्षेत्र में लड़कियों का वस्र्चव स्थापित हो रहा हो, राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल पर राखी व रतन के स्वयंवर चल रहे हों, लड़कियां घुड़चढ़ी करवा रही हों, तो भला वहां महिलाओं के साथ इतना दुराचार कि उसे दुनिया में चौथा स्थान दिया जाए? इस चौंकाने वाले सर्वे की चीर-फाड़ शुरू होती, उससे पहले ही देशभर में एक के बाद एक नाबालिग लड़कियों व बेबस महिलाओं के साथ दिल दहलाने वाली शर्मनाक व दरिन्दगी भरे बलात्कार की घटनाओं ने फाऊडेशन की रिपोर्ट पर अपनी मोहर लगा दी और यहां तक सोचने के लिए बाध्य कर दिया कि शायद यह चौथा स्थान भी कुछ कम तो नहीं है?