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उत्तर प्रदेश

सपा सरकार के मुकाबले योगी सरकार में अपराध में बेहिसाब वृद्धि हुई : प्रीति चौबे

सपा सरकार के मुकाबले योगी सरकार में अपराध में बेहिसाब वृद्धि हुई : प्रीति चौबे
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राजनैतिक सुचिता कहती हैं की किसी भी सरकार का कामकाज देखने के लिए कम से कम 6 महीने का समय तो दिया ही जाना चाहिए।
विपक्षी राजनैतिक पार्टिया भी अधिकतर इस अघोषित नियम का पालन करती हुई दिखाई देती हैं....
अगर बात उत्तर प्रदेश की करे तो मुख्यतः कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर प्रदेश की सत्ता में काबिज हुई बीजेपी की योगी सरकार को अभी करीब 3 महीने से ज्यादा का समय हुआ हैं। लेकिन प्रदेश में जो अराजकता और गुण्डाराज चरम पर हैं वो स्तब्ध करने वाला हैं। चारो तरफ भय का माहौल हैं हत्या,लूट,आगजनी,दंगों,लूटपाट,बलात्कार,रंगदारी की मानो बाढ़ सी आ गयी हैं मात्र इन 3 महीनों में ही प्रदेश के मुख्यमंत्री का इक़बाल लगभग खत्म हो चुका हैं वो तो बीजेपी को मीडिया का शुक्रगुजार होना चाहिए की इज्जत बची हुई हैं...
सहारनपुर में दलित-राजपूत जातीय हिंसा हो या मुस्लिम-दलित, या आगरा,कानपूर,लखनऊ व प्रदेश के तमाम जिलों में करीब 1 दर्जन पुलिसवालो की हत्या का मामला हो आप कल्पना कर सकते हो जिस प्रदेश में पुलिसवाले ही सुरक्षित नही हैं वहाँ आम जनता का क्या हाल होगा...दादरी में हुए सामूहिक बलात्कार और हत्या प्रकरण में पुलिस ने जिस बेशर्मी के साथ गुड वर्क और केस खोलने की जल्दी में पीड़ित महिलाओ पर ही सवाल उठा दिया वो जितना अमानवीय हैं उससे ज्यादा शर्मनाक हरकत मीडिया ने की जो इस तरह के गंभीर मुद्दे को बड़ी आसानी से पचा दिया..जबकि इसी तरह के अखिलेश सरकार में हुए एक मामले को इसी मीडिया ने राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया था। मथुरा में व्यापरी लूट और हत्या का प्रकरण हो या रायबरेली में 5 लोगो का सामूहिक हत्याकांड प्रशासन पूरी तरह फ़ैल नजर आ रहा हैं जगह जगह बीजेपी और आरएसएस और उनके अनुसांगिक संगठनो के कार्यकर्ताओ की गुंडागर्दी और अराजकता के मामले सामने आ रहे हैं, खुद मुख्यमंत्री द्वारा संरक्षित "हिन्दू युवा वाहिनी" नामक संगठन के कार्यकर्ताओ ने तो हद ही पार कर दी हैं कई जगह पर बीजेपी और हियुवा के कार्यकर्ताओ में ही वर्चस्व की जंग चल रही हैं।कुछ दिनों पहले ही लखनऊ में आईएएस अनुराग तिवारी की लाश सड़क पर पाई गयी जिस प्रकरण में अभी तक कोई सफलता नही मिली है,जगह जगह बीजेपी के कार्यकर्त्ता आईएएस,आईपीएस और तमाम उच्चाधिकारियों को गुंडई और रौब दिखा रहे हैं आईपीएस चारु निगम और श्रेष्ठा ठाकुर इसके ताजातरीन उदाहरण है।अपराध के सामने पुलिस प्रशासन पूरी तरह घुटने टेक चूका हैं या यूँ कहे की सरकार अपराधियो को संरक्षण दे रही हैं खुलेआम आराजकता फ़ैलाने का।
इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज भी मीडिया कार्यक्रमो में बड़ी बड़ी बाते करते दिखाई दे रहे हैं उनका प्रसिद्ध जुमला "अपराधी प्रदेश छोड़ दे नही तो मारे जायेगे" मानो मुँह चिढ़ाता हैं।
अगर आकड़ो पर भी बात की जाए तो तमाम रिपोर्ट के अनुसार पूर्व की सपा सरकार के मुकाबले योगी सरकार में अपराध में बेहिसाब वृद्धि हुई हैं।
अंततः इस सरकार को 6 महीने का समय देना अन्याय होगा प्रदेश की जनता के साथ, समाजवादी लोगो ने अन्याय के खिलाफ हमेशा आवाज बुलंद की हैं,हर सुख दुःख में समाजवादी जनता के साथ हैं......इस निरंकुश और तानाशाही पूर्ण सरकार के खिलाफ लाखो समाजवादी लोग सड़क से संसद तक संघर्ष करने के लिए तैयार हैं.........
क्रमशः...
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