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व्यंग ही व्यंग

ज्योति के जज्बे को सलाम : अभय सिंह

ज्योति के जज्बे को सलाम : अभय सिंह
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ज्योति के जज्बे को सलाम ।

नतमस्तक हुआ आसमान ।।

उसके हौसले का फैला पूंज ।

सात समंदर तक हो रहा है गूंज ।।

बिहार की बेटी ने ।

बढ़ा दी है मान ।।

गहरी रखी बुनियाद ।

सदैव स्मरण रखेगा हिन्दुस्तान ।।

आत्मनिर्भरता का आगाज ।

बिहार नही परिचय का मोहताज ।।

न हार मानने का जज्बा ।

आखिरकार लिया फैसला ।।

हौसला करके बुलंद ।

भले ही मुश्किले आये चंद ।।

एक तो दुखों का पहाड़ ।

रही सीना तान कर खाड़ ।।

साहसिक,अद्म्य ।

कठिन था उठाना कदम ।।

चुनौतियों को बनाकर हार ।

बौने पड़ गए मुश्किलों का अंबार ।।

जिंदगी की जद्दोजहद ।

हिम्मत को रोक न पाया कोई हद ।।

विषम परिस्थितियों में दी ।

साहस का परिचय ।।

विनित संग शौर्य ।

दृढ़ था निश्चय ।।

दुर्गम था डगर फिर ।

भी सफ़र किया तय ।।

गजब भाव समर्पण का ।

सीख दे गई आने वाली पीढियों को दर्पण बनकर ।।

पितृभक्ति को कोटि-कोटि नमन ।

बिहार की बेटी ने नाम किया रोशन ।।

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