Janta Ki Awaz
व्यंग ही व्यंग

बेकाबू मजदूर.... अभय सिंह

बेकाबू मजदूर.... अभय सिंह
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घर जाने को बेताब ।

उमड़ा जनसैलाब ।।

बेकाबू मजदूर ।

थे सारे आतुर ।।

सहमा फिर से बांद्रा ।

गांव जाने की होंड ।।

हजारों की भीड़ ।

नियम न कानून ।।

वजह आखिर क्या ?

चूक बार बार ।।

बेवजह अफवाहों से ।

रहना होगा सावधान ।।

विपती में श्रमिक ।

उचित न उपाय ।।

बेचारे मजदूर ।

हुए क्यों असहाय ?

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