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व्यंग ही व्यंग

सन 1398, दिल्ली! तैमूरलंग को कपिल मिश्रा ने बुलाया था।

सन 1398, दिल्ली! तैमूरलंग को कपिल मिश्रा ने बुलाया था।
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सन 712! मुल्तान! मोहम्मद बिन कासिम को कपिल मिश्रा ने बुलाया था। उसी के कहने पर कासिम ने लाखों लोगों को मारा।

सन 1398, दिल्ली! तैमूरलंग को कपिल मिश्रा ने बुलाया था।

सन 1192, मोहम्मद गोरी को कपिल मिश्रा ने बुलाया था। मेहरौली के सत्ताईस जैन हिन्दू-जैन-बौद्ध मंदिरों को कपिल मिश्रा ने तुड़वाया था।

सन 1526, दिल्ली! बाबर को समरकंद से कपिल मिश्रा ने बुलाया था। फिर उसके नाती पोतों ने जो हजारों मंदिरों को तोड़ा, लाखों लोगों को काटा, सबका जिम्मेदार कपिल मिश्रा था।

सन 1739, दिल्ली। नादिरशाह कपिल मिश्रा का लँगोटिया यार था, उसी के बुलाने पर आया और लाखों लोगों की गर्दन रेत गया।

सन 1947, दिल्ली! भारत विभाजन कपिल मिश्रा के कारण हुआ था, जिसके चलते लगभग करोड़ों लोगों की गर्दन काटी गई और असँख्य स्त्रियों के साथ बलात्कार हुआ।

सन 1984, दिल्ली! सिक्खों का कत्लेआम कपिल मिश्रा ने कराया था।

सन 2020, दिल्ली! कपिल मिश्रा ने भारत की संप्रभुता को ठेंगे पर रखते हुए राजधानी की एक मुख्य सड़क को महीनों तक बंधक बनाया और कानून को उसकी औकात बताई। कपिल मिश्रा ने चिकेन नेक काटने की बात की। कपिल मिश्रा ने सौ करोड़ हिन्दुओं को मारने की धमकी दी। कपिल मिश्रा ने मैट्रो के नीचे फायरिंग की। कपिल मिश्रा ने पुलिसवालों की जान ली।

इस कपिल मिश्रा को फाँसी होनी चाहिए! कपिल मिश्रा न मिले तो नवनीत मिश्रा को फाँसी दो...

हो गया? खुश हो न? यही कहना चाहते थे न? अब मेरी सुनो।

कपिल मिश्रा एक व्यक्ति का नहीं, तुम्हारे बौद्धिक आतंकवाद के विरुद्ध मुखर हुए एक आम स्वर का नाम है। महीनों से दिल्ली में तुमने जो आतंक फैलाया था न, उसके विरुद्ध खीज कर उठे जनाक्रोश का नाम है कपिल मिश्रा! जब तुमने राष्ट्रीय राजधानी को बंधक बनाया था न, तब यह सोच कर दुख होता था कि क्या यही वह देश है जिसे बनाने के लिए बीर सावरकर ने दो-दो बार कालेपानी की सजा स्वीकार थी? पर उस दिन जब कपिल मिश्रा अकेले निकला, तो लगा कि हमें नाउम्मीद नहीं होना चाहिए। हैं कुछ पागल जो आज भी राष्ट्र के लिए, धर्म के लिए लड़ने की हिम्मत रखते हैं।

आज वीर सावरकर की पुण्यतिथि है। इस बार उन्हें सबसे बड़ी श्रद्धांजलि कपिल मिश्रा ने ही दी है। तुमको जितना झूठ बोलना है, बोल लो। जितना षड्यंत्र करना है कर लो... वह नायक बन चुका है। कोई शक नहीं। जिन्दाबाद कपिल...

सर्वेश तिवारी श्रीमुख

गोपालगंज, बिहार।

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