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व्यंग ही व्यंग

दरिंदों की मौत मुकर्रर ... अभय सिंह

दरिंदों की मौत मुकर्रर ... अभय सिंह
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देशवासियों को था ।

जिसका इंतजार ।।

देर से ही सही पर ।

दुरुस्त आया क्षण ।।

मुकर्रर हो गई तारीख ।

बस फाँसी का इंतज़ार ।।

माननीय न्यायालय का ।

स्वागत योग्य है कदम ।।

इन दरिंदों को नही ।

है जीने का आधिकार ।।

मिलेगा निर्भया को ।

अंतत: अब इंसाफ ।।

बच नहीं सकता कोई ।

घिनौना करके पाप ।।

बुरी नजर रखने वालों ।

को यह है कड़ा संदेश ।।

कायम जब तक ।

रहेगा कानून का राज ।।

सर न उठा पायेंगे दरिंदे ।

हश्र होगा यही लटकाये जायेंगे जिंदे ।।

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