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व्यंग ही व्यंग

हीटर में अधिकारी : शुभम कुमार

हीटर में अधिकारी : शुभम कुमार
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कलेक्टर साहब को खबरे नही देती सुनाई,इसी लिए एक कविता लिखने की बारी आई

'शुभम कुमार' इस जनता की कह रहे दुखयाई,आखिर साहब आप लोगो को इतनी गहरी नींद क्यो आई

बढ़ती सर्दी के बीच मे हीटर में अधिकारी, जनता पर सर्दी की पढ़ रही मार भारी

यूपी का एटा है एक ऐसा जिला,जहां पर इस सर्दी में गरीबो को एक भी कम्बल नही मिला

चल रहे उद्घाटन हो रही भीड़ भारी,जनता पर सर्दी की पड़ रही मार भारी

सो गए नेता जनप्रतिनिधि कम्बल ओढ़ कर,अपनी अपनी सियासत की बातों को पढ़ कर

हायो रब्बा ये सर्दी गरीबो पर सितम ढा रही है,नेताओ को तरफ से इनको बचाने की आवाज न आ रही है।

बढ़ती सर्दी के बीच मे हीटर में अधिकारी,गरीब मजलूमो पर सर्दी की पढ़ रही मार भारी।

जब अच्छे थे अधिकारी तब रातो में बटते थे कम्बल रजाई,इस बार इन लापरवाहों को किसी की याद तक न आई

गरीब मजलूम जनता अब किससे करेगी फरियाद,आखिर इन लापरवाह अधिकारियों को कब आएगी कम्बल वितरण की याद।

शुरू हो गयी प्रदर्शनी डीएम से लेकर कमिश्नर तक कर रहे उदघाटन, बढ़ रही सर्दी का गरीबो के बीच मे कैसे होगा विघटन।

लापरवाही इस सर्दी में अधिकारी नेताओ पर भारी,जनता पर सर्दी में पढ़ रही मार भारी।

बढ़ती सर्दी के बीच मे हीटर में अधिकारी,जनता पर सर्दी में पढ़ रही मार भारी।

...............शुभम कुमार



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