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व्यंग ही व्यंग

माया मिली न राम .... मुहँ के बल गिरे धड़ाम

माया मिली न राम .... मुहँ के बल गिरे धड़ाम
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माया मिली न राम ।

मुहँ के बल गिरे धड़ाम ।।

50 - 50 का ये खेल ।

प्रयत्न के बाद भी फेल ।।

मियांद हुई पूरी ।

हसरत रह गयी अधूरी ।।

कांग्रेस-एनसीपी का ।

अलग-अलग अलाप ।।

हो नहीं पाया ।

कुछ भी साफ ।।

आपसी तकरार ।

फँस गईं सरकार ।।

अंततः गेंद गयी ।

महामहिम के पाले ।।

शासन राष्ट्रपति के सहारे ।

हाथ मलते रह गये सारे ।।

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