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सरकार की रोस्टर प्रणाली, मुहल्ले में काला सांड गया तो चितकबरा आ गया : रिवेश प्रताप सिंह

सरकार की रोस्टर प्रणाली, मुहल्ले में काला सांड गया तो चितकबरा आ गया : रिवेश प्रताप सिंह
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सरकार में रोस्टर प्रणाली वाला सिस्टम ठीक चल रहा है. अब शहर के किसी मुहल्ले में सांड, साल- छह महिने से ज्यादा टिक नहीं सकते। आप चौराहे पर जिस काले सांड से बचकर निकलते थे अब आपको डरने की जरूरत नहीं. उसकी जगह ड्यूटी पर चितकबरा सांड आ गया. काले वाले को नगरनिगम की गाड़ी ने दक्षिणी छोर पर टिका दिया.

ठीक भी है जब भी कोई लम्बे समय तक कहीं टिक जाता है तो अपनी जड़ें जमा लेता है. मजबूत और नुकीला अपने ताकत के बलपर अपनी शक्ति का बेजा इस्तेमाल करता है इसलिए जरूरी है कि उसको जड़ समेत उखाड़कर दूसरी जगह लगाया जाये. जहाँ वो हफ्तों मुरझाया- मुरझाया रहे. फिर उसे अपनी जड़ें जमाने में हफ्तों लगें.. अपने सींग के पैनेपन, शक्ति और सौष्ठव को सिद्ध करने में महीनों लग जायें और तब तक नगरनिगम की गाड़ी उसको वहां से हटाकर कहीं नवीन तैनाती दे दे।

कितनी समतुल्यता है इस प्रणाली में जिसमें संख्या नहीं बदलती, सिर्फ चेहरे और रंग बदलते हैं.. अगर किसी व्यक्ति की किसी साढ़ से अदावत है तो वह क्या कर सकता है भला! सिर्फ घुटने के...लेकिन इस व्यवस्था में आदमी को वैसी ही प्रसन्नता होती है जैसे किसी सख्त अधिकारी का स्थानान्तरण होने पर उनके अधीनस्थ कर्मचारियों को होती है.

अब मान लिजिये किसी के पत्नी को लौकी खरीदते वक्त किसी साढ़ ने उठाकर पटक दिया तो वह क्या कर पायेगीं.. सिवा कराहने और कोसने के। आपसे भी कोई उम्मीद नहीं, क्योंकि जब खुद, वो आप भर भारी हैं तो आपसे कहने का मतलब ही क्या! अब जब भी वो बाज़ार जायेगीं या आपकी मोटरसाइकिल पर सवार होंगी तो उनकी निगाह उस साढ़ पर बराबर बनी रहेगी. जब भी वो साढ़ दिखेगा उसे बिना गाली दिये मानेगी नहीं.. अब सोचिए कि एक दिन वो आप से पूछ बैठें कि- ए जी! वो काला वाला मरकहवा साढ़ नहीं दिख रहा आज कल.. तिसपर आप बतावें कि- तुम्हें नहीं मालूम ? उसे तो पिछले हफ्ते नगरनिगम वाले टांग कर दूसरी जगह पठा दिये.. यकीन मानिए उनके चेहरे पर ऐसी खुशी उठेगी जैसे किसी विरोधी के चुनाव हारने पर प्रतिपक्षी के दिल में उठती है.

इसलिए अब आपको लगातार किसी के खौफ में रहने की जरूरत नहीं.. हर छह महीने में कोई दूसरा नियुक्त हो जायेगा. कोई कितना भी धुरन्धर हो लेकिन नई आबोहवा में सींग घुमाने में सबको डर लगता है कि क्या पता यहाँ कोई और भी सूरमा हो जो मेरी औकात बता दे.

कुलमिलाकर ठीक चल रही है यह रोस्टर प्रणाली.. किसी को टिकने नहीं देना है.. और न ही घटने देना है॥

रिवेश प्रताप सिंह

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