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व्यंग ही व्यंग

पाकिस्तान भिखारी को अब करो दुरूस्त : कृष्णेन्द्र राय

पाकिस्तान भिखारी को अब करो दुरूस्त : कृष्णेन्द्र राय
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खौल रहा खून ।

फड़क रही भुजाएँ ।।

बेनक़ाब पड़ोसी ।

चली अब हवाएँ ।।

कर दो दुरूस्त ।

टुकड़े अब चार ।।

कुचल डालो फ़न ।

बना दो लाचार ।।

मिटा दो वजूद ।

पानी सर उपर ।।

पाकिस्तान भिखारी ।

आवाज हुई मुखर ।।

कृष्णेन्द्र राय

Krishnendra Rai

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